बड़ों के हाथ पर रुद्राक्ष, बच्चों की कलाई पर सिंघम की धूमी
रेशम और कच्चे धागे की राखियों से आगे बढ़ते हुए, राखी का बाजार टेक्नोलॉजी और कार्टून थीम पर सज गया है। बच्चों के लिए कार्टून और लाइटिंग वाली राखियां उपलब्ध हैं, जबकि बड़ों के लिए परंपरागत डिजाइन।...
रेशम की डोरी और कच्चे धागे की राखियों से आगे बढ़कर राखी का बाजार टेक्नोलॉजी और टेलीविजन की तर्ज पर सज गया है। बड़ों के लिए परंपरा से जुड़ी राखी की वैरायटी है, तो दूसरी तरफ बच्चों के लिए कार्टून और लाइटिंग से भरी रंग बिरंगी राखियां दुकानों पर सजी है। नगर के बड़ा चौराहा नुमाइश चौराहा सिनेमा चौराहा व रेलवेगंज में रक्षाबंधन बाजार में लोग अपनी पसंद की राखियां खरीद रहे हैं। बच्चों में उत्सुकता अधिक छोटी-छोटी बहनों के छोटे-छोटे भाई अपनी पसंद से राखी बंधवाना चाहते हैं। व्यापारी भी अपने नन्हे मुन्ने ग्राहकों के लिए उनके मन माफिक वैरायटी लाए हैं। राखी व्यापारी नितिन ने बताया की बच्चों के लिए मोटू पतलू, डोरेमोन, शिनचेन, नोबिता, सिंघम जैसे कार्टून वाली राखियां उपलब्ध है जो 10 से लेकर 50 रुपये तक के वैरायटी में है। बच्चों के लिए घड़ी और लाइटिंग वाली राखियां खूब बिक रही हैं। व्यापारी राजू ने बताया की ओम शुभ लाभ की डिजाइन में राखियां कई सालों से आ रही थी। जिनकी जगह पर इस बार रुद्राक्ष, सीप, मोती, चंदन, चावल लगी हुई राखियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं। डायमंड लुक की डिजाइन भी उपलब्ध हैं।
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