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बोले हरदोई: एनपीएस का पैसा तो काटा लेकिन जमा कहां किया

Hardoi News - हरदोई के माध्यमिक शिक्षकों ने विद्यालयों में बिजली, साफ पानी, शौचालयों की कमी और जर्जर भवनों जैसी समस्याओं का जिक्र किया। शिक्षकों का कहना है कि एनपीएस का पैसा काटा गया है, लेकिन उसका पता नहीं है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरदोईWed, 19 Feb 2025 05:45 PM
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बोले हरदोई: एनपीएस का पैसा तो काटा लेकिन जमा कहां किया

हरदोई। पढ़ा-लिखाकर बच्चों का भविष्य हम संवारते हैं, उन्हें कुछ बनने के लायक बनाते हैं ताकि देश के निर्माण में वे अपना योगदान दे सकें पर हमें अपना ही भविष्य अंधकारमय दिख रहा है। पुरानी पेंशन मिलती नहीं। शैक्षणिक कार्य के अलावा दूसरे काम भी कराए जाते हैं। कहीं स्कूलों में बिजली नहीं तो कहीं साफ पानी और जलभराव की समस्या झेलो। हरदोई के माध्यमिक शिक्षकों ने समस्याओं से निजात की मांग की। स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो। उन्हें मेहनत से पढ़ाते भी हैं पर कुछ ऐसी समस्याएं आ गईं जो व्यवधान उत्पन्न कर रही हैं। हरदोई के माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का दर्द यह कहते हुए फूट पड़ा। हो भी क्यों न वह मुसीबतों से खुद ही दो-चार हो रहे हैं। कहीं विद्यालयों के जर्जर भवन तो कहीं बिजली के तारों के टकराने से निकली चिनगारी की वजह से डर के साये में पढ़ाना मजबूरी बन गया है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान के माध्यम से उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिलाध्यक्ष डॉ. अरुण मिश्रा ने कहा कि एनपीएस का पैसा तो काटा लेकिन जमा कहां किया। कोई तो बताए।

शिक्षकों का कहना है कि एडेड विद्यालयों में शिक्षकों के कई पद खाली पड़े हैं। छात्र संख्या ज्यादा है। पढ़ाने में दिक्कत होती है। कई स्कूलों में शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कई जगह जर्जर पड़े हैं। कुछ स्कूलों में शौचालय हैं तो उनमें पानी की व्यवस्था नहीं है। माध्यमिक शिक्षकों का कहना है कि साफ पानी के लिए माध्यमिक शिक्षक तरस रहे हैं। नलों से प्रदूषित जल निकलता है। कुछ जगह पानी की टंकी तो बनी है लेकिन उनकी सफाई नहीं होती। जर्जर भवनों की मरम्मत में भी हीलाहवाली हो रही है। जान जोखिम में डालकर पढ़ाना पड़ता है। खिड़कियों के कई जगह शीशे टूट चुके हैं। सर्दी में हवाओं के झोंके ठिठुरने के लिए मजबूर करते हैं। इंटर कॉलेज तक आने-जाने वाले 50 से ज्यादा रास्ते गड्ढेदार हो चुके हैं। बाइकों से आने-जाने के दौरान गड्ढे के झटके खाते हुए स्कूल पहुंचना पड़ता है। हाईटेंशन लाइन हटवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया:सतगुरु ने कहा कि अंबिका बक्स इंटर कॉलेज पंडरवाकिला पिहानी के अंदर से निकली हाईटेंशन लाइन हटवाने के लिए एक्सईएन को प्रार्थनापत्र दिया। उन्होंने लाइन हटवाने के बजाय दो लाख रुपये का इस्टीमेट थमा दिया।

बार-बार चक्कर कटवाए जाते हैं: शिक्षकों का आरोप है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में जिम्मेदारों की मनमानी भी प्रताड़ित करती है। बार बार चक्कर कटवाए जाते हैं। 700 से ज्यादा शिक्षकों का एनपीएस का पैसा उनके वेतन से काट लिया गया। सात महीने तक लगातार पैसा लिया गया लेकिन इसे कहां जमा किया गया? यह जवाब विभाग नहीं दे पा रहा है। लाखों रुपये का अता-पता नहीं है। पिहानी के सआदतनगर निवासी आशुतोष उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शौचालय बने हैं पर वे क्रियाशील नहीं हैं। यहां पानी का भी इन्तजाम नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों के साथ ही कॉलेज के स्टाफ को भी परेशानी होती है।

शिकायतें

1. बिजली शुल्क 20 रुपये बच्चों से लिया जाता है, जबकि कॉमर्शियल कनेक्शन होने से बिल ज्यादा आता है।

2. खेल मैदान गड्ढेदार हैं। कई जगह आसपास रोड ऊंचा होने से पानी नहीं निकल पा रहा है।

3. स्कूलों के अंदर से हाईटेंशन लाइन निकलने से भय की स्थिति बनी रहती है।

4. आरओ अधिकतर स्कूलों में न होने से दूषित पानी पीने या घर से पानी ले जाने को मजबूर हैं।

5. सफाई कर्मियों के अभाव में स्कूल परिसर व शौचालय गंदे पड़े हैं। शौच के लिए इधर-उधर जाना पड़ता है।

सुझाव

1. स्कूलों के बिजली कनेक्शन को निशुल्क किया जाए या बच्चों से लिया जाने वाला शुल्क बढ़े।

2.एनपीएस का सात महीने का जो रुपया काटा गया है उसकी जांच कराकर स्थिति स्पष्ट की जाए।

3. हर स्कूल में कम से कम एक आरओ प्लांट स्थापित किया जाए।

4. इंटर कॉलेज जाने वाले मार्गों को गड्ढामुक्त कराने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देशित करें।

5. जलभराव वाले स्कूल परिसर व खेल मैदान में मिट्टी का भराव कराया जाए।

बोले शिक्षक

शिक्षकों के एनपीएस का जो पैसा काटा गया है कहां जमा है इसका पता चले। -डॉ. अरुण मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष, उ.प्र. माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट

यूपी बोर्ड में एक पाली में ड्यूटी पर 48 तो सीबीएसई में 300 रुपये मिलते हैं। -मनोज कुमार, कोषाध्यक्ष, उ.प्र. माध्यमिक शिक्षक संघ

स्कूलों में मोबाइल नेटवर्किंग की उचित व्यवस्था हो। तभी उन्हें बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाया जाए। -अमलेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट

स्कूल के खेल मैदान काफी नीचे हैं। बारिश का पानी छह माह तक भरा रहता है। खेलकूद नहीं हो पाते। -प्रदीप कुमार पांडेय, गंगा देवी इंटर कॉलेज

शिक्षकों से विभिन्न योजनाओं के प्रचार प्रसार का काम न कराया जाए। गैर शैक्षणिक कार्य में ड्यूटी हरगिज न लगाएं। -चिरंजीव कुमार, शिक्षक

जीआईसी के शिक्षकों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलता है लेकिन अन्य माध्यमिक शिक्षक वंचित हैं। - अनूप मिश्रा आरआर इंटर कालेज

माध्यमिक स्कूलों को स्वच्छ पेयजल, शौचालयों की सफाई, मरम्मत को अतिरिक्त बजट दिया जाए। -सुशील कुमार शर्मा, शिक्षक

जनप्रतिनिधियों को इंटर कॉलेजों में पेयजल के लिए अपनी निधि से आरओ प्लांट लगवाने चाहिए। -सत्येंद्र कुमार वैदिक मंदिर इंटर कॉलेज

ग्रामीण स्कूलों में ऑफ ग्रिड सोलर पैनल दिया जाए ताकि बिजली की सुविधा मिल सके। -सतगुरु प्रसाद वर्मा, अंबिका वत्स इंटर कॉलेज

स्टाफ की कमी दूर हो। मेरे यहां 292 बच्चों में चार शिक्षक हैं। इनमें से एक से प्रधानाचार्य का काम लिया जा रहा। -रामबहादुर प्रधानाचार्य सआदतनगर

कक्षा एक से आठ तक बच्चों को मुफ्त शिक्षा के तहत सुविधाएं कॉलेज में देते हैं पर प्रतिपूर्ति नहीं मिली। -डॉ. राजेश तिवारी अध्यक्ष प्रधानाचार्य परिषद

माध्यमिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन मिले ताकि शिक्षक तनाव मुक्त होकर पढ़ा सकें। - अमित वर्मा, प्रधानाचार्य रफी अहमद इंटर कॉलेज

धारा 21 समाप्त होने से शिक्षकों का उत्पीड़न बढ़ गया है। इससे प्रबंधक बेलगाम हो गए हैं। जनता इंटर कॉलेज कछौना में मिडडे मील बनाने की जिम्मेदारी जबरन शिक्षकों के हवाले करके उनको प्रताड़ित किया जा रहा है। -राजीव मिश्रा, जिलाध्यक्ष, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट

सनातन धर्म इंटर कॉलेज के नवनियुक्त शिक्षकों नीलम, घनश्याम दास, सन्तराम, उमाराम आदि को अवशेष भुगतान अभी तक नहीं मिला है। तीन साल बीत चुके हैं। सत्यापन न होने के कारण यह भुगतान लटका हुआ है। -राजवीर सिंह, सह संयोजक संयुक्त शिक्षक संघ मोर्चा

बोले जिम्मेदार

शिक्षकों के अवशेष बकाये का भुगतान कराने के लिए सत्यापन कराया जाएगा। इंटर कॉलेजों में पेयजल शौचालयों की सफाई, मरम्मत आदि की व्यवस्था दुरुस्त कराएंगे। आने-जाने वाले रास्तों की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से वार्ता करेंगे। खेल मैदान व स्कूल परिसर में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए प्रयास करेंगे। - बालमुकुंद प्रसाद, डीआईओएस

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