46 करोड़ से आंझी क्रासिंग पर बनेगा रेलवे ओवरब्रिज
हरदोई। कार्यालय संवाददाता करीब दो दशक से हो रहा इंतजार अब खत्म होने वाला है
हरदोई। कार्यालय संवाददाता
करीब दो दशक से हो रहा इंतजार अब खत्म होने वाला है क्योंकि प्रदेश सरकार ने शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र में आंझी रेलवे क्रासिंग पर रेलवे ओवरब्रिज (पक्का पुल) बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। बजट आवंटित होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पुल बनकर तैयार होने में 12 महीने का समय लगेगा।
तहसील मुख्यालय शाहाबाद से पिहानी, सीतापुर, मोहम्मदी, लखीमपुर खीरी व लोनी सुगर मिल तक जाने के लिए आंझी रेलवे क्रासिंग से होकर जाना पड़ता है। हावड़ा-जम्मूतवी मुख्य रेलवे मार्ग होने के कारण बड़ी संख्या में ट्रेनें गजुरती हैं। इस कारण 24 घंटे के दौरान कई बार रेलवे फाटक बंद होने से घंटों जाम लगा रहता है। गन्ने के सीजन में 4 से 5 महीने तक तो रोज जाम से लाखों राहगीरों को जूझना पड़ता है।
कई लोकसभा व विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा भी बना। भाजपा की विधायक रजनी तिवारी ने भी जिला प्रशासन को कई बार इस क्रासिंग पर पक्का पुल बनाने के लिए प्रस्ताव दिए। 24 जनवरी 2020 में विभागीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक को मांगपत्र भेजा। इसके बाद कागजी कवायद शुरू कराई गई। सेतु निगम के सर्वे में पुल निर्माण आश्वयक बताए जाने पर स्टीमेट तैयार कराया गया। इंजीनियरों की टीम ने करीब 650 मीटर लंबे पुल को बनाने पर सहमति दी। इसकी अनुमानित लागत 46 करोड़ रुपये आंकी गई। शासन की वित्त कमेटी ने बीते दिनों आंझी क्रासिंग पर आरओबी बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति दे दी है। कार्यदाई संस्था की जिम्मेदारी सेतु निगम को दी गई है।
सेतु निर्माण निगम के डीपीएम कमल श्रीवास्तव का कहना है कि शासन स्तर से 46 करोड़ रुपये की लागत से पुल बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। उम्मीद है कि इसी महीने बजट आवंटित हो जाएगा। कागजी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। स्थानीय स्तर पर तैयारी पूरी है। विभाग को धनराशि मिलते ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कराकर निर्माण कार्य शुरू करा देंगे। समय से बजट मिला तो एक साल के अंदर पुल बनाकर तैयार कर देंगे।
भाजपा विधायक रजनी तिवारी का कहना है कि जनता की समस्या को देखते हुए आंझी रेलवे क्रासिंग पर पुल बनना आवश्यक है। जनता कई बार आंदोलन कर चुकी है। लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जनता को आश्वस्त किया था कि जल्द पुल निर्माण शुरू होगा। तहसील, थाना, ब्लाक समेत अन्य सरकारी दफ्तर आने वाले ग्रामीण, कर्मचारी वर्ग का सफर बाधा रहित होगा। किसान अनाज बगैर जाम में फंसे मंडी तक लाकर बेंच सकेंगे। खाद, बीज, कृषि यंत्र भी गांव तक आसानी से ले जा सकेंगे। चीनी मिल तक गन्ना लाने वाले हजारों ट्रक, ट्रैक्टर चालक भी जाम से समय व डीजल की बर्बादी से बच जाएंगे।
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