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लापरवाही : 88 ग्राम पंचायतों में बंद पड़ी मनरेगा

Hardoi News - इन दिनों मनरेगा में उपलब्ध बजट से ज्यादा से ज्यादा काम कराने के निर्देश शासन ने दिए हैं। इसके बावजूद कई प्रधान व सचिव इस संबंध में लापरवाही बरत रहे हैं। इस कारण एक तरफ गांव के लोगों को रोजगार मिलने...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरदोईWed, 9 Sep 2020 10:26 PM
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इन दिनों मनरेगा में उपलब्ध बजट से ज्यादा से ज्यादा काम कराने के निर्देश शासन ने दिए हैं। इसके बावजूद कई प्रधान व सचिव इस संबंध में लापरवाही बरत रहे हैं। इस कारण एक तरफ गांव के लोगों को रोजगार मिलने के अवसर कम हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ गांव में विकास योजनाओं का लाभ भी जन जन तक नहीं पहुंच पा रहा है।

मंगलवार को ग्राम्य विकास विभाग में दर्ज हुए प्रगति आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 1306 ग्राम पंचायतों में से 1218 में होता पाया गया। एकमात्र टोंडरपुर ब्लॉक ही ऐसा पाया गया हैं शत प्रतिशत ग्राम पंचायतों में विकास कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। वहीं अन्य 18 विकास खंडों में कई ग्राम पंचायतें में मनरेगा बंद पड़ी है। इसके लिए ब्लॉक के अधिकारियों को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। कोरोना काल में यह लापरवाही मजदूर तबके के लिए मुसीबत बन गई है। विकास खंड सुरसा में 10, शाहाबाद में 11, अहिरोरी में 10, कछौना में 5, बिलग्राम में 9, साण्डी में 7, बावन में 7, कोथावां में 4, हरपालपुर में 4, टड़ियांवा में 4 ग्राम पंचायत में मनरेगा से कोई कार्य नहीं हो रहा है। इसी तरह ब्लॉक सण्डीला में 3, माधौगंज में 3, भरावन में दो, पिहानी में दो, भरखनी में दो, हरियांवा में एक और बेहन्दर में एक ग्राम पंचायत में मनरेगा ठप पाई गई है।

जिलाधिकारी अविनाश कुमार का कहना है कि मनरेगा में तेजी से काम कराने के निर्देश खंड विकास अधिकारियों को दिए गए हैं। सभी गांवों में रोजाना काम होना चाहिए। ताकि जो लोग मनरेगा से काम करना चाहते हैं उन्हें रोजगार मिल सके। प्रधानों व सचिवों का दायित्व है कि वे विशेष प्रयास करके काम कराते रहें। जो लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। यदि कोई समस्या है तो विभागीय अधिकारियों को जानकारी देकर समाधान कराएं।

भाजपा सांसद जय प्रकाश रावत का कहना है कि अधिक से अधिक काम कराएं मनरेगा का ग्राम पंचायतों को सदुपयोग करना चाहिए। अधिक से अधिक काम कराएं। ताकि गांव की तमाम तरह की समस्याएं दूर हों। व्यक्तिगत लाभार्थीपरक जो योजनाएं हैं उन्हें भी शुरू कराया जाए। मनरेगा की गति तेज कराने के लिए जिलाधिकारी, सीडीओ से बात करेंगे। ताकि शासन की मंशा के अनुरूप काम हो सके। इस योजना में बजट की कोई कमी नहीं है। इसलिए ब्लॉक के अधिकारियों को भी तेजी लानी चाहिए।

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