डेढ लाख से अधिक परिवारों को मिल चुका है 23 दिन का रोजगार
कोरोना संक्रमण के बीच रुक गई मनरेगा की गाड़ी अब सरपट दौड़ने लगी है। चार माह में जनपद में डेढ लाख से अधिक जॉब कार्ड धारक परिवारों को औसत 23 दिन का रोजगार प्राप्त हो चुका है। बीते साल दो लाख 52 हजार जॉब...
कोरोना संक्रमण के बीच रुक गई मनरेगा की गाड़ी अब सरपट दौड़ने लगी है। चार माह में जनपद में डेढ लाख से अधिक जॉब कार्ड धारक परिवारों को औसत 23 दिन का रोजगार प्राप्त हो चुका है। बीते साल दो लाख 52 हजार जॉब कार्ड धारक श्रमिकों को औसत 52 दिन का रोजगार प्राप्त हुआ था, वहीं 2017-18 में प्रति परिवार रोजगार उपलब्ध करवाए जाने का औसत 34 दिन था।
उपायुक्त मनरेगा पीएस चंद्रौल ने बताया 2020-21 में अब तक तीन लाख 63 हजार से अधिक मानव दिवस सृजित हो चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष 88 लाख 57 हजार मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। अब तक जॉब कार्डधारक परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाने में बेहंदर ब्लॉक ने औसतन 28 दिन से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाया है। वहीं संडीला ब्लॉक ने औसतन 27 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया है। सांडी, भरखनी, बिलग्राम 25 दिन से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाने वाले ब्लॉक हैं। टोंडरपुर ब्लॉक में एक परिवार को औसत 24 दिन रोजगार उपलब्ध करवाया जा चुका है। शाहाबाद, कोथावां, माधौगंज व टड़ियावां का प्रति परिवार रोजगार उपलब्ध करवाने का औसत 23 फीसदी से अधिक है। 20 दिन से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाने वाले ब्लॉकों में अहिरोरी, बावन, भरावन, सुरसा हैं। हरपालपुर, कछौना, मल्लावां ऐसे ब्लॉक हैं जिन्होने अब तक एक परिवार को औसत 20 दिन से कम रोजगार उपलब्ध करवाया है।
सीडीओ निधि गुप्ता का कहना है कि समीक्षा में पाया गया है अब तक 154980 परिवारों को 23.43 दिन का रोजगार प्राप्त हो चुका है। प्रति ग्राम पंचायत मानव दिवस सृजन व हाउसहोल्ड रोजगार उपलब्ध करवाने की स्थिति कम है। सभी बीडीओ को ग्राम पंचायतों में अधिक से अधिक मानव दिवस सृजित करने व प्रत्येक परिवार को सौ दिन का रोजगार उपलब्ध करवाने को कहा गया है।
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