Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़हरदोईMNREGA stalled in 122 Majra and 77 Gram Panchayats

122 मजरे व 77 ग्राम पंचायतों में मनरेगा ठप

हरदोई। अतुल कपूर प्रधानों के शपथ के इंतजार में 122 मजरे व 77 ग्राम पंचायतों

Newswrap हिन्दुस्तान, हरदोईSat, 8 May 2021 10:01 PM
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हरदोई। अतुल कपूर

प्रधानों के शपथ के इंतजार में 122 मजरे व 77 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का काम ठप पड़ा हुआ है। प्रधानों के बगैर ग्राम पंचायतों में विकास का पहिया घूमना मुश्किल है। पांच महीनों से ग्राम पंचायतों में कोई भी विकास कार्य नहीं कराए गए हैं। इससे रोजगार सृजन की प्रक्रिया भी अटक गई है।

बताते हैं कि मनरेगा में बजट की कोई कमी नहीं है। बजट होने के बाद भी पंचायतें हाथ बांधे बैठी हैं। इस स्थिति से 38000 मनरेगा मजूदरों के सामने रोजी रोटी का संकट हैं। बजट होने के बाद भी पंचायतों में काम न होने के पीछे कड़ी निगरानी और कार्य में पारदर्शिता के लिए चलाए जा रहे मुहिम को प्रमुख कारण माना जा रहा है। पंचायतों में काम न होने से मनरेगा के मजदूरों के सामने रोजगार की कमी है ही, कर्मचारियों को वेतन देने में भी दिक्कत आ रही है। प्रशासन ने हर पंचायत को कार्य शुरू कराने और साल भर में कम से कम 3000 मानव दिवस का लक्ष्य पूरा करने की हिदायत दी है।

मनरेगा से गांवों की सूरत बदलने के साथ ही श्रमिकों को रोजगार देने के लिए 22 करोड़ की योजना स्वीकृत है। इसके बाद भी पंचायतें काम करने में रुचि नहीं ले रही हैं। 122 मजरों व 77 ग्राम पंचायतों में से किसी एक का भी काम नहीं चल रहा है। यदि मनरेगा से अधिक से अधिक कार्य हो सकें व पंचायतों को परंपरागत सड़क आदि के कार्यों से ऊपर उठकर गांवों के अन्य विकास कार्यों को को आगे बढ़ाया जा सके तो कोरोना काल में गांव लौट कर आए प्रवासी मजदूरों को भी गुजर-बसर करने में सहूलियत हो सकती है।

हर गांव में युवाओं के लिए खेल मैदान विकसित करने के साथ ही किसानों के लिए चकरोड़ सुधार, खेतों का समतलीकरण, खाली तालाबों के विकास आदि कार्य कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। यही नहीं तटवर्ती गांवों के एक किमी दायरे में आने वाले तालाबों का जीर्णोद्धार कराने पर भी शासन ने जोर दिया है। इन सबके बावजूद पंचायतों में काम ठप होना चौंकाने वाला है। ऑनलाइन मॉनीटरिंग से की गई जांच में ग्राम पंचायतों में मनरेगा से कार्य शुरू न होने का खुलासा हुआ है। काम शुरू न होने से पंचायतों में मानव दिवस का सृजन नहीं हो पा रहा है। इससे मनरेगा के संविदा कर्मियों को मानदेय देने में दिक्कत आ रही है।

बीडीओ पिहानी -ऋषि पाल सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव में स्टाफ की व्यस्तता के कारण मनरेगा में सुचारू रूप से काम नहीं हो सका है। मौजूदा हालात में कोरोना संक्रमण के भय से मजदूर मनरेगा में काम करने से कतरा रहे हैं। जल्द काम शुरू कराने का प्रयास कर रहे हैं।

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