मनरेगा बचा रहा भारत सरकार की खेलो इंडिया की इज्जत
मनरेगा बचा रहा भारत सरकार की खेलो इंडिया की इज्जत
भारत सरकार ने खेलो इंडिया योजना शुरू की तो जनपद के युवाओं की उम्मीदें आसमान तक पहुंच गई। गांव -गांव खेल के मैदान और सुविधाओं की उम्मीदें तब धराशाही होने लगीं जब अपने खेल मैदान के लिए सरकारी बजट का इंतजार करते करते सालों बीत गए। जनपद को आज भी आधा दर्जन मिनी स्टेडियम के लिए बजट की दरकार है।
जिले में शाहाबाद में मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत ककरघटा में स्टेडियम बनाया जाना है, ककरघटा में भूमि का चिन्हांकन भी हो चुका है, और बजट की घोषणा भी। पर अब तक चार करोड़ 73 लाख 77 हजार की लागत से बनाए जाने वाले इस स्टेडियम का बजट स्वीकृति न होने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। इसके अतिरिक्त जनपद में खेलो इंडिया योजना के तहत सवायजपुर के रामपुर खमरिया में चार करोड़ 69 लाख दस हजार की लागत से, टड़ियावां ब्लॉक की कोटरा ग्राम पंचायत में सात करोड़ 86 लाख 50 हजार की लागत से, मल्लावां की मांझगांव में चार करोड़ 69 लाख दस हजार लागत से, बिलग्राम के बासा व तेंदुआ में भी इतनी ही लागत से खेलो इंडिया के तहत मिनी स्टेडियम बनाए जाने हैं।
शासन से स्वीकृति मिलने के बाद इन स्टेडियम के इस्टीमेट बनाए जा चुके हैं, पर बजट के लिए अब तक स्टेट लेवल एक्सक्यूटिव कमेटी से मंजूरी नहीं मिल सकी है। युवा कल्याण अधिकारी पीके सिंह ने बताया माननीय विधायकों के प्रस्ताव पर सांडी के कटरी छोछपुर सांडी व अहिरोरी में भी मिनी स्टेडियम का प्रस्ताव बना कर शासन को भेजा जा रहा है। शासन स्तर से मंजूरी मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
110 खेल मैदानों को किया गया है विकसित
युवाओं और उनकी प्रतिभाओं की दुर्दशा न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने मनरेगा योजना के तहत 110 खेल मैदानों से अवैध कब्जे हटवा कर उन्हें विकसित करवाया है। इस मुहिम में पूर्व डीएम पुलकित खरे व सीडीओ निधि गुप्ता ने व्यक्तिगत रुचि लेते हुए इन खेल मैदानों का विकास करवाया।
जर्जर हो रहे मिनी स्टेडियम के लिए भी बजट नहीं
जनपद में टोंडरपुर ब्लॉक के कोठिला, संडीला की गौसगंज, बिलग्राम के करीमनगर व मल्लावां के मेंहदीखेड़ा में मिनी स्टेडियम बनाए गए थे। पर बजट के अभाव में अब ये जर्जर हो चुके हैं। खेल सामग्री व प्रशिक्षक न होने के कारण अधिकांश मिनी स्टेडियम में लोगों ने आना जाना भी बंद कर दिया है।
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