खराब दौर में मनरेगा! 360 ग्राम पंचायतों में काम बंद
हरदोई। हिन्दुस्तान संवाद मार्च के महीने में मनरेगा काम पर कामगारों की भीड़ जुट...
हरदोई। हिन्दुस्तान संवाद
मार्च के महीने में मनरेगा काम पर कामगारों की भीड़ जुट जाती थी। होली के त्योहार के चलते मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के साथ ही प्रवासी श्रमिकों की भीड़ भी काम में हाथ बटाती नजर आती थी। पर पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने व प्रशासकों के हाथ में गांव की कमान होने से मनरेगा सबसे खराब दौर में पहुंच चुकी है।
हालात इतने खराब हैं कि जहां इस वित्तीय वर्ष में एक दिन में अधिकतम एक लाख 80 हजार श्रमिकों के रिकार्ड के सामने अब 30 हजार से कम श्रमिक एक दिन में मनरेगा कार्यों को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। इसमें भी आधे से अधिक वो श्रमिक हैं जो अपना प्रधानमंत्री आवास बना रहे हैं। सबसे अधिक हाल हरपालपुर ब्लॉक का है, ब्लॉक क्षेत्र में मात्र 649 श्रमिक काम कर रहे हैं, माधौगंज में 853 श्रमिक कार्यरत हैं। सांडी, बावन, मल्लावां ऐसे ब्लॉक हैं जहां एक हजार से कम श्रमिक कार्य कर रहे हैं। वहीं पिहानी, टड़ियावां, भरखनी, कोथावां, बिलग्राम, भरावन, हरियावां, संडीला, कछौना, बेहंदर ब्लॉक में दो हजार से कम श्रमिक एक दिन में मनरेगा कार्यों पर हैं।
सुरसा ही केवल एक मात्र ब्लॉक हैं जहां तीन हजार से अधिक श्रमिक मनरेगा कार्यों पर पहुंच रहे हैं। डीसी मनरेगा पीएस चंद्रौल ने बताया विभाग ने आवंटित वार्षिक लक्ष्य के मुताबिक श्रमिकों को कार्य उपलब्ध करवा दिया है। इसके बावजूद श्रमिकों को कार्य पर लाने के लिए प्रयास जारी हैं। मांग उपलब्ध होते ही रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। कम प्रगति वाले ब्लॉकों को नोटिस जारी की गई है। जल्द ही शतप्रतिशत ग्राम पंचायतों में कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
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