मौसमी बीमारियों को लेकर जिला अस्पताल सजग
पिछले दो दिनों से मौसम ने करवट लेना शुरु कर दिया है। इससे सर्दी भी बढ़ी है। ऐसे में डॉक्टरों का मानना है कि दमा, कोल्ड डायरिया, खुजली के मरीजों में इजाफा शुरू हो गया है। जिला अस्पताल के जिम्मेदारों का...
पिछले दो दिनों से मौसम ने करवट लेना शुरु कर दिया है। इससे सर्दी भी बढ़ी है। ऐसे में डॉक्टरों का मानना है कि दमा, कोल्ड डायरिया, खुजली के मरीजों में इजाफा शुरू हो गया है। जिला अस्पताल के जिम्मेदारों का कहना कि दवाओं का स्टॉक पूरा कर लिया गया। किसी भी मरीज को दवा के लिए परेशानी नही होगी।
हालांकि सरकारी अस्पताल डेंगू के मरीजो को इलाज करने में निजी अस्पतालों की अपेक्षा पीछे रहें है। निजी अस्पताल में अभी डेंगू के मरीजों की भरमार देखने को मिल रही है। जिला मुख्यालय पर ही एक सैकड़ा से ज्यादा लोग निजी अस्पतालों में भर्ती होकर डेंगू का उपचार करा रहे हैं। जबकि जिला अस्पताल में एक दो मरीज ही डेंगू का इलाज कराने पहुंचे हंै। हालांकि इस को लेकर जिम्मेदारों को कोई परवाह नही है। उनके सरकारी आकड़े भी कम ही हैं। जबकि जनपद में डेगू के प्रकोप से लोगों में हाय तौबा मची हुई है।
बेनीगंज के उज्जा गांव निवासी अनूप ने बताया कि उनके बेटे को डेंगू हुआ तो निजी अस्पतालों में ही इजाज कराया। उनका कहना है सरकारी अस्पताल में सही सुविधाएं नहीं मिल पाती हंै। डाक्टरों से जबरदस्ती उपचार कराने में भी डर लगता है। वहीं शीलू ने बताया कि सरकारी अस्पताल में सबसे मेन बात यह है कि भले की डॉक्टर डेगू के मरीज का इलाज करें लेकिन सरकारी आकड़ों में उसे नही दिखाते हैं। सामान्य बुखार मानकर चलते हैं। बहस करो तो भगा देते हैं। इसी वजह से कर्मचारी भी लापरवाही करते हैं। इससे तीमारदार खुद ही मरीज को लेकर निजी अस्पताल में चले जाते हैं। जबकि निजी अस्पताल में खर्च अधिक आता है। वहीं राजा ने बताया कि सरकारी अस्पताल कोथावां में डेंगू का इलाज कराया। वहां पर दवाएं ही नही मिल पाती थी, मेडिकल स्टोर से भी दवा लेनी पड़ती थी।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एके शाक्य ने बाताया कि सर्दी के मौसम में होने वाले बीमारियों को लेकर सर्तक हैं। सभी डॉक्टरों को बेहतर परामर्श देने को कहा गया है। सभी दवाएं उपलब्ध है। सभी को कोविड का पालन करते हुए काम करने को निर्देशित किया गया है। डेंगू के उपचार का भी इंतजाम है। किसी मरीज या तीमारदार को कोई परेशानी है तो लिखित शिकायत करे।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सूर्यमणि त्रिपाठी का कहना है कि सीएची में डेंगू के उपचार के पर्याप्त इंतजाम हैं। चिकित्सकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि जो मरीज भर्ती करने लायक हैं उन्हें डेंगू वार्ड में भर्ती करें। इलाज में कोई शिकायत है तो लिखित जानकारी दें। किसी भी मरीज के उपचार के लिए मनाही नहीं है।
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