जिला अस्पताल का डेंगू वार्ड खाली, निजी अस्पताल भरे
जनपद के कई कस्बों में डेंगू और टाइफाइड मलेरिया का प्रकोप फैल चुका है। दर्जनों लोग जांच में संक्रमित पाए गए है। लेकिन स्वास्थ्य महकमा का आकड़ा इस जमीनी हकीकत से काफी दूर है। हकीकत यह है कि लोग कोरोना...
जनपद के कई कस्बों में डेंगू और टाइफाइड मलेरिया का प्रकोप फैल चुका है। दर्जनों लोग जांच में संक्रमित पाए गए है। लेकिन स्वास्थ्य महकमा का आकड़ा इस जमीनी हकीकत से काफी दूर है। हकीकत यह है कि लोग कोरोना के कहर से कम डेंगू के कहर से ज्यादा सहमें हुए हैं।
बेनीगंज कस्बा में डेंगू के मरीजों से हाहाकार मचा है। जांच करने गई टीम ने नयागांव के पास कई वर्षों से ठहरे पानी में डेगू का लार्वा भी होने की पुष्टि की थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से उस पानी में गम्बूजिया मछली लखनऊ से लाकर छोड़ी गई। कई डेंगू के मरीजों की जांच में पुष्टि की गई। वहीं जिला अस्पताल के पैथालॉजी के आकड़े में 33 डेंगू के मरीजों की पुष्टि की गई। कछौना क्षेत्र में भी डेंगू से हड़कंम मचा हुआ है। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा का जो आंकड़ा है उसे सुनकर लोग दंग है। इस मामले में जब एडिनशल सीएमओ डॉ. धीरेन्द्र सिंह से बात हुई तो उन्होंने इस सीजन में अभी तक सिर्फ दस डेंगू के मरीज होने की पुष्टि की है।
मरीज छुन्ना निवासी उल्जा ने बताया कि उनके बेटे को डॉक्टर ने डेंगू होने की बात कही। जांच कराई गई तो प्लेटलेट्स कम पाई गई। जिसके बाद उसका इलाज निजी अस्पताल में शुरू कर दिया। वही सरकारी अस्पताल में इलाज न कराने की जानकारी की गई तो बताया कि सरकारी अस्पतालो में बीमारी भी छुपाने का भी काम चलता है। इसी के चक्कर में इलाज भी अच्छा ही हो पाएगा।
सीएमओ डॉ. सूर्यमणि त्रिपाठी का कहना है कि शासन को जो रिपोर्ट भेजी गई है। उसमें दस डेंगू के मरीज है। फिलहाल अलग-अलग डेटा जोड़ा जाता है। अभी तक डेंगू से एक मरीज की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग कई जगहों पर मच्छरों से बचने के लिए फॉगिंग करा रहा है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि अपने घरों के आस-पास पानी जमा न होने दें।
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