गंगा किनारे विद्युत शवदाह गृह बनाने में देरी
Hardoi News - हरदोई के मेहंदी घाट पर विद्युत चालित शव दाह गृह का निर्माण एक साल से रुका हुआ है। भूमि चयन प्रक्रिया में वन विभाग और पंचायत राज विभाग के बीच खींचतान के कारण अंतिम संस्कार में कठिनाइयाँ आ रही हैं। लोग...
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हरदोई, कार्यालय संवाददाता। मेहंदी घाट पर गंगा किनारे विद्युत चालित शव दाह गृह नहीं बन पा रहा है। एक साल से भूमि चयन की प्रक्रिया चल रही है। इससे बारिश के मौसम में अंतिम संस्कार में दिक्कतें बरकरार हैं। वन विभाग और पंचायत राज विभाग की खींचतान से देरी के आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं। फिलहाल गंगा को साफ करने का सपना साकार नहीं हो पा रहा है।
मेहंदी घाट किनारे रोजाना दर्जनों की संख्या में लोग अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंचते हैं। बीते करीब एक दशक से लोग विद्युत शव दाह गृह बनवाने के लिए मांग कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की पैरवी के बाद नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत विद्युत चालित शवदाह गृह बनाने के लिए मंजूरी भी मिली है। राजघाट के पास भी जमीन देखी गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी विनय कुमार सिंह का कहना है कि जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के निर्देशानुसार स्थलीय निरीक्षण किया था। जमीन चयन संबंधी प्रक्रिया पूरी की गई है। अब वन विभाग की देखरेख में विद्युत शवदाह गृह बनाने व संचालन की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाना है। भाजपा नेता नमामि गंगे से जुड़े अशोक सिंह ने बताया कि मेहंदीघाट के लिए स्थल का चयन हुआ है। वही पर कन्नौज जनपद के लोग भी आकर शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। हरदोई जिले की ग्राम पंचायत तिर्वा कुल्ली गांव के मजरे में विद्युत चालित शवदाह गृह बनेगा। जिला प्रशासन की ओर से इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर भारत सरकार को भेज दी गई है। अब बजट मिलने का इन्तजार किया जा रहा है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह मांग लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से भी कर चुके हैं। उन्होंने भी जल्द निर्माण कार्य शुरू कराने का भरोसा दिलाया है।
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