फसलों में भूमि जनित व बीज जनित कीट से करें बचाव
Hardoi News - हरदोई के कृषि रक्षा अधिकारी विनीत कुमार ने जायद फसलों की बुवाई में कीट और रोगों से बचाव के उपाय बताए। उन्होंने जैविक कीट नाशक और फफूंदीनाशक के उपयोग की सलाह दी। बीज शोधन के लिए ट्राइकोडर्मा का सही...
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हरदोई। जिला कृषि रक्षा अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि वर्तमान समय मे जायद फसलों की बुवाई होना है। जायद की फसलों में भूमि जनित व बीज जनित कीट, रोग लगने की सम्भावना ज्यादा रहती है। भूमि जनित लगने वाले कीटो में जैसे दीमक, गुजिया, सफेद गिडार वायर वर्ग, जड सडन एवं निमैटोड इत्यादि इसी प्रकार फफूंद जनित रोग हैं। इनमें मुख्यत: कालररॉट, तनागलन, उकठा आदि कई प्रकार के कीट, रोग भूमि के अन्दर रहकर फसलों को क्षति पहुंचाते है। इसके बचाव के लिये बुवाई से पूर्व खेत की तैयारी करते समय अन्तिम जुताई से पूर्व शाम के समय भूमि जनित कीटों के लिये जैविक कीट नाशक व्यूवेरियावैसियाना 1.15 प्रतिशत डब्लू०पी० की 1 किग्रा मात्रा एवं फफूँद जनित रोगो के लिये जैविक फफूदीनाशक ट्राइकोडर्मा 2 प्रतिशत डब्लूपी 1 किग्रा मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से 25-30 किग्रा सडी गोबर की खाद में मिलाकर किसी छायादार स्थान पर टाट के बोरे से ढककर एक सप्ताह तक रखें। साथ ही पानी का छिडकाव करते रहें। बाद में उसे शाम के समय खेत मे मिला देना चाहिये। उन्होंने बताया कि बीज शोधन के लिये 2 से 4 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति किग्रा बीज की दर से बीज को शोधित करके बोना चाहिये।
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