फिर मुसीबत बनने लगे हैं अन्ना मवेशी
शहर में अन्ना मवेशी फिर मुसीबत बनने लगे हैं। सुबह होते ही ये झुण्ड के रूप में सड़कों पर विचरण करना शुरू कर देते हैं। खाद्य पदार्थ की दुकान या फलों की ठेली देखते ही मुंह मारते हैं। दुकानदार भगाने की...
शहर में अन्ना मवेशी फिर मुसीबत बनने लगे हैं। सुबह होते ही ये झुण्ड के रूप में सड़कों पर विचरण करना शुरू कर देते हैं। खाद्य पदार्थ की दुकान या फलों की ठेली देखते ही मुंह मारते हैं। दुकानदार भगाने की कोशिश करते हैं तो कई बार उल्टा उन्हें ही दौड़ा लेते हैं।
रोडवेज बस स्टैंड, पिहानी चुंगी, घंटाघर रोड पर सैकड़ों की संख्या में अन्ना मवेशी इकट्ठा हो गए हैं। बताते हैं कि आसपास गांवों के लोग फसलों को नुकसान से बचाने के लिए अन्ना पशुओं की घेराबंदी करके के बाद उन्हें हांककर शहरी क्षेत्र में कर गए हैं। इससे फसलों को नुकसान तो कम हो गया है लेकिन शहरियों के लिए ये समस्या बन गए हैं। सुबह ब्रेड, फल आदि लेने के लिए अब बच्चे नहीं निकल रहे हैं। बुजुर्ग भी इन्हें देखकर वापस घर लौट जाते हैं। शहरवासियों ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी से इन अन्ना पशुओं को पशु आश्रय स्थल पहुंचाए जाने की मांग की है। ईओ रविशंकर शुक्ला का कहना है कि लगातार पशुओं को पकड़ाकर गोशाला पहुंचाया जाता है। जल्द ही जो पशु घूमते मिलेंगे उन्हें पकड़वाएंगे।
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