जांच मे मिले डेंगू के 45 मरीज, इलाज करा रहे सिर्फ दो मरीज
स्वास्थ्य महकमा के डेंगू की बीमारी को स्वीकारने के बजाय आंकड़े कम करने में जुटा है। कागजों पर डेंगू के प्रकोप को छुपाया जा रहा है। यही वजह है कि इस बीमारी को लेकर अगर चार जिम्मेदार लोगों से पूछा जाए...
स्वास्थ्य महकमा के डेंगू की बीमारी को स्वीकारने के बजाय आंकड़े कम करने में जुटा है। कागजों पर डेंगू के प्रकोप को छुपाया जा रहा है। यही वजह है कि इस बीमारी को लेकर अगर चार जिम्मेदार लोगों से पूछा जाए तो फिर सभी का आकड़ा अलग अलग होता है। हकीक त में डेंगू के प्रकोप से लोग हायतौबा कर रहे हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी लोगों पर कहर बनकर टूट रही है।
गुरुवार को जिला अस्पताल की पैथालॉजी में तैनात डा. अभिषेक गुप्ता ने बताया कि अब इस सीजन में करीब 45 डेंगू के मरीज जांच में पाजिटव पाए गए है। वही डेंगू वार्ड में में मौजूद स्टाफ से जानकारी मिली तो बताया कि दो मरीजों का इलाज चल रहा है।
डेंगू से बिलग्राम, कछौना, कोथावां, बेनीगंज, साण्डी व हरदोई शहर क्षेत्र में 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में केवल एक मौत होने की बात स्वीकार की जा रही है। शहर के अलावा कसबे में अभी भी सैकड़ों की संख्या में लोग बुखार की चपेट में हैं। लोग दवा कराते हैं लेकिन बुखार बार-बार आ जाता है। लोगों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सामान्य बुखार बताकर दवा दी जाती है जिससे कोई खास लाभ नहीं मिल रहा है।
संचारी माह में सांडी के बुखार प्रभावित इलाकों में नगर पालिका और स्वास्थ्य टीम ने युद्घस्तर पर अभियान चलाकर रोकथाम के उपाय किए हैं। इसके साथ ही जिम्मेदारों ने नागरिकों को जागरूक किया गया।
सांडी कस्बे में बीते माह से कोरोना के साथ ही डेंगू और टायफाइड, मलेरिया से बीमार सैकडों मरीजों के इलाज के बाद स्वस्थ होने और दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत के बाद अब स्वास्थ्य विभाग लोगों की बुखार के प्रकोप को लेकर सजग हो गया है। एमओआईसी डॉ. आशीष अग्रवाल ने बताया कि सीएचसी पर इलाज की व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। लोगों को तनाव लेने की जरूरत नही है। सर्द मौसम की शुरूआत के कारण बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। लेकिन सभी बुखार डेंगू नही है। निजी अस्पतालों पर प्रारम्भिक इलाज के बाद प्लेटलेटस कम होने की बात कहकर डेंगू बताकर डर फैलाया जा रहा है। लेकिन एलाइजा टेस्ट के बगैर डेंगू की पुष्टि नही हो सकती है। बुखार से पीड़ित लोग सीएचसी पर इलाज के लिए आएं। अगर एलाइजा टेस्ट की जरूरत है तो वह भी सरकारी खर्च पर जिला अस्पताल से नि:शुल्क कराई जाएगी।
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