21 करोड़ खर्च पर एक भी गरीब को नहीं मिला पक्का घर
21 करोड़ खर्च पर एक भी गरीब को नहीं मिला पक्का घर
शहरी गरीब वर्ग के आरक्षित व सामान्य लोगों के लिए नगर के चक्कर रोड बाईपास पर बनाए जा रहे आसरा आवासों का निर्माण कार्य सात सालों की दीर्घ अवधि में भी पूरा नहीं हो सका है। प्रोजेक्ट के तहत 504 आवासों की निर्माण लागत कुल धनराशि 24 करोड़ 67 लाख रूपए काफी पहले ही अवमुक्त किए जा चुके हैं।
बताते हैं कि आवासों के निर्माण का कार्य पूरा न हो पाने से गरीबों में आवास आवंटन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। निर्माण कार्य वर्ष 2014 में प्रारम्भ किया गया था। निर्माण की समय सीमा में वृद्धि किए जाने के बाद 31 मार्च 2020 तक अंतिम रूप से कार्य पूर्ण किए जाने के आदेश निर्गत किए गए थे लेकिन कार्यदायी संस्था जल निगम की हीला हवाली से निर्माण में लगभग 30 प्रतिशत कार्य अभी भी बाकी है। कार्य की रफ्तार को देखकर लगता है कि आवासों का निर्माण आने वाले एक साल में भी पूरा नहीं हो पाएगा।
बीते जनवरी माह में कार्यदायी संस्था यूपी जल निगम के रेजीडेंट इंजीनियर कौशलेन्द्र राठौर ने दावा किया था कि 504 में से 250 आवासों के निर्माण का कार्य 31 मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा जबकि शेष आवास 31 मई 2020 तक बनकर तैयार हो जाएंगे लेकिन उनके सारे दावे हवा-हवाई साबित हुए हैं। निर्माणाधीन 504 आवास 42 ब्लॉकों में विभक्त हैं। प्रत्येक ब्लॉक में 12 आवास बनाए जा रहे हैं। लगभग 15 ब्लॉक अभी भी ऐसे हैं जिनमें न तो प्लास्टर हुआ हैं और न ही दरवाजे-खिड़की लगे हैं।
सड़क, नाली व इंटरलाकिंग अधूरी
सड़कों, नालियों व इंटरलाकिंग का काम भी नहीं कराया गया है। पानी की टंकी तो बन गई है लेकिन आवासों में पाइप फिटिंग व सप्लाई का काम पूरा नहीं हुआ है। विद्युत लाइनों की फिटिंग का काम भी आधा अधूरा है। सड़कों पर भारी झाड़-झंखाड़ व कीचड़ है। बाउंडरी वाल का तो काम भी शुरू नहीं हुआ है। कुछ ब्लॉकों में तो केवल भवन का ढांचा मात्र खड़ा है जिसमें कोई काम नहीं कराया गया है।
भाग चुके हैं कई ठेकेदार
ठेकेदारों को भुगतान समय से न किए जाने से कई ठेकेदार भाग चुके हैं और कुछ ने कोर्ट की शरण ली हुई है। निर्माण कार्य पूरा होने में लगभग एक साल का समय और लग सकता है। ऐसे में गरीब वर्ग के लोगों को आवास के लिए अभी भी लम्बा इंतजार करना पड़ सकता है।
जरूरत पड़ी तो विधानसभा में मामला उठाएंगे: विधायक
विधायक राजकुमार अग्रवाल का कहना है कि वह कार्यदायी संस्था जल निगम के जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब करेंगे और यदि उनके उत्तर से संतुष्ट न हुए तो मामला विधानसभा में उठाएंगे। उनका प्रयास होगा कि सभी आवास जल्दी से जल्दी बनकर पूरे हों ताकि उन्हें गरीब वर्ग के लोगों में आबंटित किया जा सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।