इस बार भी नहीं हो पाए गंगा मंदिर के दर्शन, जाम लगने पर बाहरी मार्गों से करा दी गई वापसी
उपेक्षा वापसी -मेले से लौट रहे श्रद्धालु करते रहे गंगा मंदिर पर पहुंचने की गुहार इमरान अली फोटो नंबर 222 गढ़मुक्तेश्वर। जाम के झाम से बौखलाए पुलिस और
गढ़मुक्तेश्वर। जाम के झाम से बौखलाए पुलिस और प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मेले से लौट रहे श्रद्धालुओं को जबरन बाहरी रास्तों से निकाल दिया, जिससे वे गंगा मंदिर के दर्शन करने से पूरी तरह वंचित रह गए। जबकि रोजी रोटी कमाने की आस लेकर फूल एवं प्रसाद बेचने वालों को निराश होकर बैरंग लौटना पड़ा।
चौतरफा से उमड़ रहे श्रद्धा के सैलाब से कार्तिक चतुर्दशी पर गुरुवार की देर शाम को ही दिल्ली लखनऊ नेशनल हाईवे, मेरठ और बुलंदशहर रोड पर भीषण जाम की स्थिति पैदा हो गई थी। जिससे नगर समेत मेले को जाने वाले सभी संपर्क मार्ग पूरी तरह चौक हो गए थे। जाम के झाम की स्थिति को टालने के मकसद से पुलिस और प्रशासन मेले से लौट रहे श्रद्धालुओं को सुनसान जंगल से जुड़े संपर्क रास्तों से वापिस निकालने की कवायद में जुट गया था, जिससे अधिकांश श्रद्धालु नगर सीमा में प्रवेश ही नहीं कर पाए। लाखों श्रद्धालु तीर्थनगरी की दक्षिणी दिशा में विशाल रेतीले टीले पर बसे प्राचीन गंगा मंदिर के दर्शन करने से पूरी तरह वंचित रह गए। मंदिर के बाहर फूल और प्रसाद की फड़ लगाकर बैठे गरीब एवं मजदूर तबके के लोग श्रद्धालुओं के आने की बाट जोहते रहे, परंतु आखिरकार उन्हें निराश होकर अपना साजो सामान समेटकर घरों को लौटना पड़ा। गंगा मंदिर के कुलपुरोहित पंडित संतोष कौशिक और उनके पुत्र चंद्रभूषण कौशिक का कहना है कि धार्मिक मान्यता है कि खादर मेले से वापसी के दौरान गंगा मंदिर के दर्शन करने से शुभ फल मिलता है। परंतु इस बार भी पुलिस एवं प्रशासन ने यातायात व्यवस्था की आड़ लेकर श्रद्धालुओं को नगर की बजाए बाहरी रास्तों से निकाल दिया गया है, जिससे लाखों श्रद्धालु गंगा मंदिर के दर्शन करने से पूरी तरह वंचित रह गए हैं।
--आस्था का प्रतीक होने के साथ ही गंगा मंदिर पिकनिक स्पॉट भी माना जाता है
लगभग सौ फिट ऊंचे रेतीले भूखंड पर स्थित गंगा मंदिर में जाने के लिए सौ सीडिय़ां बनी हुई हैंक, जिनमें कई सीड़ी अब भूकटान के कारण मिट्टी में दबकर लुप्त हो चुकी हैं। यह पौराणिक मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही पिकनिक स्पॉट भी बना हुआ है, क्योंकि सभी धर्म संप्रदाय के लोग यहां पहुंचकर सैर सपाटे का लुत्फ भी लेते हैं।
--श्रद्धालुओं को बाहरी रास्तों से निकाले जाने के कारण चढ़ावा भी नहीं चढ़ पाता
जाम लगने के कारण पुुलिस प्रशासन द्वारा मेले से लौटने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को जबरन ग्रामीण अंचल से जुड़े संपर्क रास्तों से निकाल दिया जाता है। जिससे लाखों श्रद्धालु पौराणिक गंगा मंदिर के दर्शन करने से पूरी तरह वंचित रह जाते हैं। मंदिर के कुलपुरोहित पंडित संतोष कौशिक का कहना है कि मेले से लौटने के दौरान श्रद्धालुओं को बाहरी रास्तों से निकाले जाने के कारण अब चढ़ावा भी नहीं आ पाता है, जिससे उन्हें अपने सीमित संसाधनों के सहारे ही मंदिर की देखरेख आदि का कार्य करना पड़ता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।