नागरिकों को नहीं मिल पा रहीं जरूरी जन सुविधा, हर साल करते हैं टैक्स अदा
खत्म करो इंतजारभरमार बनी है बड़ी समस्या -पथप्रकाश की लचर व्यवस्था होने से सडक़ों पर छा जाता है अंधेरा -मच्छरों के बचाव को फोगिंग तो दूर कीटनाशक का भी न
गढ़मुक्तेश्वर, संवाददाता। भवन और जलकर अदा करने के बाद भी वार्ड अट्ठारह के नागरिकों को जन समस्याओं से मुक्ति के साथ ही जरूरी सुविधा मिल पाना सपने की तरह हो रहा है। टूटी फूटी सडक़ों पर जलभराव और गंदगी की भरमार से पैदल चलना भी चुनौती हो रही है। पानी की सप्लाई भी जरूरत के मुताबिक नहीं मिल पाती है। सफाई और पथप्रकाश व्यवस्था भी अपेक्षित स्तर पर न होने से समस्याओं की भरमार खूब रुला रही है।
नगर पालिका के वार्ड अट्ठारह से जुड़ा अधिकांश क्षेत्र नई आबादी वाला है, जिसमें रहने वाले लोग भवन और जलकर तो लगातार अदा करते आ रहे हैं मगर बदले में उन्हें पालिका स्तर से जरूरी जन सुविधा मुहैया कराई जानी संभव नहीं हो पा रही हैं। टूटी फूटी सडक़ों पर पानी भरने के साथ ही जगह जगह गंदगी और कूड़ा करकट की भरमार होने से पैदल चलना भी चुनौती रहती है, क्योंकि पथप्रकाश व्यवस्था महज नाम मात्र के लिए मुहैया हो पा रही है। अधिकांश खंभों पर लगे बल्ब जल नहीं पाते हैं और जो जलते हैं वे भी टिमटिमाते रहते हैं। सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति होने का खेल चलता आ रहा है। मच्छरों का प्रकोप बढऩे से संक्रामक बीमारी तेजी से पांव पसार रही हैं, परंतु पालिका स्तर से फोगिंग तो दूर बल्कि कीटनाशक का छिडक़ाव तक कराया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।
चेयरमैन पद के पूर्व प्रत्याशी रुपेश पंडित का कहना है कि पालिका स्तर से जनहित की खुली अनदेखी की जा रही है, जिसके कारण बागवाली कालोनी में सडक़ और नालियों का निर्माण न हो पाने से यहां रहने वाले परिवारों को हर साल भवन और जलकर अदा करने के बाद भी जरूरी जन सुविधाओं के अभाव में जीवन व्यतीत करना मजबूरी बनी हुई है।
अधिवक्ता ललित कुमार का कहना है कि सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति का खेल होता आ रहा है, जिसके कारण आबादी से जुड़ीं सडक़ों पर कूड़ा करकट और गंदगी की भरमार होने से हर समय बदबू उठने के साथ ही मक्खी मच्छरों का प्रकोप बढऩे से लोगों को बीमारी भी अपनी चपेट में जकड़ रही हैं।
देवेंद्र कुमार कहते हैं कि वार्ड की बाहरी छोर जंगल वाली दिशा से जुड़ा हुआ है, परंतु इसके बाद भी पालिका स्तर से पथप्रकाश की व्यवस्ता चाक चौबंद न कराए जाने के कारण चोर उचक्के आने के साथ ही अपराधिक वारदात होने का डर भी हमेशा बना रहता है।
दिव्यांश शर्मा का कहना है कि नगर पालिका परिषद अपना दायित्व निभाने में पूरी तरह विफल साबित होती आ रही है, जिसके चलते डेढ़ साल के भीतर जनहित से जुड़ी जरूरी विकास कार्य होना तो दूर बल्कि जन समस्याओं की भरमार से जरा भी मुक्ति तक मिलनी संभव नहीं हो पाई है।
अवि गोस्वामी का कहना है कि पेयजल सप्लाई भी जरूरत के अनुसार न मिलने से हैंडपंपों के उथले पानी के सहारे काम चलाना मजबूरी बनी हुई है। परंतु लगातार शिकायत करने के बाद भी पालिका स्तर से कोई सुनवाई होनी संभव न होने पर जनहित के साथ खुली खिलवाड़ की जा रही है। जन समस्याओं की बड़े स्तर पर भरमार हो रही है।
--क्या कहते हैं जिम्मेदार
सतीश सैनी का कहना है कि उनके लगातार आवाज उठाने पर जनहित से जुड़ीं एक दो सडक़ के टेंडर भी स्वीकृत हो चुके हैं, परंतु कई माह का समय बीतने के बाद भी उनका निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। बोर्ड बैठकों के साथ ही संबंधित अधिकारियों से भी लगातार मांग करते आ रहे हैं, परंतु इसके बाद भी पालिका प्रशासन की अनदेखी के कारण जन समस्याओं से छुटकारा मिल पाना संभव नहीं हो पा रहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।