लाखों का राजस्व देने वाले जरूरी सुविधाओं से महरूम, बढ़ रही नाराजगी
Hapur News - समस्या फ्लाई अोवर पर कैंटर की चपेट में आकर साइकिल सवार एक किसान की मौत हो गई। मृतक साइकिल पर सब्जी ले
गढ़मुक्तेश्वर। लाखों रुपये का राजस्व अदा करने के बाद भी रजिस्ट्री कराने वाले जन सुविधाओं से महरूम हो रहे हैं। जिन्हें खूब दिक्कत झेलते हुए घंटों तक खड़े रहने के साथ ही पेयजल से भी वंचित रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। आबकारी के साथ ही स्टांप ड्यूटी प्रदेश सरकार को मिलने वाले राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है, क्योंकि छोटे सा बैनामा कराने पर भी हजारों का स्टांप अदा करना पड़ता है। गढ़ के सब रजिस्ट्री दफ्तर में प्रतिदिन कई दर्जन बैनामे और इकरारनामे होते हैं, जिनकी एवज में सरकारी खजाने को लाखों रुपये का स्टांप शुक्ल प्राप्त होता है। परंतु इसके बाद भी रजिस्ट्री कराने आने वालों को जरूरी सुविधाओं से महरूम रहकर खूब दिक्कत झेलना मजबूरी बनी हुई है। क्रेता और विक्रेता पक्ष से जुड़े कई कई लोगों के अलावा भी गवाहों से लेकर दस्तावेज लेखकों की सुबह से लेकर शाम होने तक भारी भीड़ जुटी रहती है, परंतु सब रजिस्ट्री दफ्तर के बाहर बैठने को कोई उपयुक्त व्यवस्था होने की बजाए महज दो चार खस्ताहाल कुर्सियां पड़ी हुई हैं, जिनमें अधिकांश को नींच ईंटों का सहारा लगाकर गिरने सो रोका हुआ है। बैठने की उपयुक्त व्यवस्था न होने से रजिस्ट्री कराने आने वालों को घंटों तक खड़ा रहना मजबूरी बनी हुई है।
--पीने के लिए पानी की भी नहीं है कोई सुविधा
सब रजिस्ट्री दफ्तर के बाहर पानी के पानी की कोई भी उपयुक्त व्यवस्था नहीं है, जिससे भीषण गर्मी के मौसम में रजिस्ट्री कराने आने वालों को दिक्कत झेलते हुए प्यास बुझाने के लिए इधर उधर धक्के खाने को मजबूर होना पड़ता है।
--रजिस्ट्री दफ्तर तीसरी मंजिल पर होने से सीढिय़ां न चढ़ पाने वाले बुजुर्ग और रोगियों को लाना ले जाना रहती है चुनौती
गढ़ तहसील मुख्यालय में सब रजिस्ट्री दफ्तर तीसरी मंजिल पर संचालित हो रहा है, जिसमें पहुंचने के लिए करीब चालीस सीढिय़ों से होकर गुजरना पड़ता है। बैनामे करने के लिए आने वाले बुजुर्ग और रोगियों को सीढ़ी चढ़ पाना संभव नहीं हो पाता है, जिसके चलते परिजनों को उन्हें कंधे पर बैठाकर लाना ले जाना मजबूरी बनी हुई है।
--जन सुविधा मुहैया न होने से दस्तावेज लेखकों समेत वकीलों में बढ़ रही नाराजगी
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बलराज त्यागी, सतेंद्र चौधरी, नरेश गिल का कहना है कि स्टांप ड्यूटी के रूप में प्रतिदिन कई लाख रुपये का राजस्व वसूलने के बाद भी सब रजिस्ट्री दफ्तर से जन सुविधा नदारद हैं, जिसको लेकर कई बार मांग करने के बाद भी कोई राहत न मिलने पर अब बड़ा आंदोलन करना मजबूरी होती जा रही है।
--वसूली का गोरखधंधा भी खुलेआम चलता है
जमीन जायदाद का बैनामा कराने वालों से वसूली का गोरखधंधा भी खुलेआम चलता है, जो लोग अवैध रूप में पैसा अदा करने से मना करते हैं उन्हें स्टांप चोरी के मामले में फंसाकर लाखों का जुर्माना लगवाने की धमकी तक दी जाती हैं।
--क्या कहते हैं जिम्मेदार
सब रजिस्ट्रार राहुल शर्मा का कहना है कि प्रतिदिन पानी मंगवाया जाता है। कई नई कुर्सी भी मंगवाई गई हैं मगर भीड़ बढऩे पर लोग टूटी हुई कुर्सियों पर भी बैठ जाते हैं। बुजुर्ग और बीमारों के तीसरे मंजिल पर न चढ़ पाने के कारण उनके फोटो खिंचवाने की वैकल्पिक व्यवस्था नीचे ही करा दी जाती है।
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