Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़हापुड़Record-Breaking Kanwar Yatra Concludes with Mixed Emotions in Brajghat Ganganagari

खट्टी मीठी यादों के साथ संपन्न हुई सावन की कांवड़ यात्रा

कांवड़ यात्रा बार हुई रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी -दिल्ली हरियाणा राजस्थान समेत वेस्टर्न यूपी के शिव भक्तों ने उठाईं कांवड़ -हरिद्वार के बाद वेस्टर्न यूपी

Newswrap हिन्दुस्तान, हापुड़Mon, 19 Aug 2024 11:13 PM
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गढ़मुक्तेश्वर। एक माह तक चली सावन की कांवड़ यात्रा खट्ठी मीठी यादों के बीच संपन्न हो गई। इस बार रिकॉर्डतोड़ कांवड़ उठने से व्यापारियों को मंदी की मार से राहत मिली और धार्मिक अनुष्ठान करने वालों ने भी खूब कमाई की। कई परिवारों को दुखद घटना होने से कभी न भूलने वाला गम भी मिला है। ब्रजघाट गंगानगरी से जुड़ी सावन मास की कांवड़ यात्रा खट्ठी मीठी यादों के बीच एक माह बाद संपन्न हो गई है। अन्य सभी तीर्थों में शिवरात्रि का जलाभिषेक संपन्न होने के बाद कांवड़ यात्रा पूर्ण हो जाती है, परंतु गंगा पार से जुड़े बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, चंदौसी, अमरोहा, बिजनौर आदि जनपदों में सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने की विशेष प्राचीन धार्मिक मान्यता प्रचलित है। जिसके कारण ब्रजघाट गंगानगरी में अंतिम सोमवार तक जल उठने के बाद ही सावन की कांवड़ यात्रा संपन्न होती है। इस बार ब्रजघाट गंगानगरी से रिकॉर्डतोड़ ढंग में कांवड़ उठने पर दस लाख से अधिक शिवभक्तों का आवागमन होने का अनुमान लगाया जा रहा है। रिकॉर्डतोड़ कांवड़ उठने से बिक्री भी जमकर हुई, जिससे मंदी की मार झेलते आ रहे व्यापारियों के चेहरे खिले उठे हैं। तीर्थ पुरोहितों से लेकर धार्मिक अनुष्ठान करने वालों को भी खूब आमदनी हुई। गंगा सभा आरती समिति और मंदिरों में भी लाखों का चढ़ावा आया है। उत्तराखंड से जुड़े हरिद्वार तीर्थ के बाद वेस्टर्न यूपी में ब्रजघाट गंगानगरी कांवड़ उठने के मामले में दूसरे नंबर पर रही, जहां पिछले साल की तुलना में इस बार लाखों शिवभक्तों का अधिक आगमन हुआ है। हालांकि सावन मास की कांवड़ यात्रा से इस बार कई परिवारों को कभी न भूलना वाला गहर सदमा भी मिला है। रामपुर का जतिन जल भरने से पहले स्नान करते समय गंगा में डूब गया था। अमरोहा का अंकित जल भरने आने के दौरान बाइक डिवाइडर से टकराने पर मौत की नींद सो गया था। हरिद्वार से डाक कांवड़ लेने जाने के दौरान बहादुरगढ़ क्षेत्र के डेहरा कुटी में पानी भरते समय केंटर में खड़े होने पर बिजली करंट लगने से बुलंदशहर के दो शिवभक्तों की जान चली गई थी। हरिद्वार से कांवड़ लाने के दौरान रास्ते में बुखार होने पर नानई के शिवभक्त की मौत हो गई थी।

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