आरक्षण पर लोगों ने जताई आपत्ति जमकर हुआ हंगामा
जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए आरक्षण चार्ट के बाद डाली गई आपत्तियों की सुनवाई के पहले दिन ग्रामीणों ने विकास भवन स्थित सभागार में जमकर हंगामा...
हापुड़। जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए आरक्षण चार्ट के बाद डाली गई आपत्तियों की सुनवाई के पहले दिन ग्रामीणों ने विकास भवन स्थित सभागार में जमकर हंगामा किया। कुछ ग्रामीणों ने नियम विरुद्ध आरक्षण जारी करने की बात कहते हुए अपने पक्ष में तर्क दिए। अखिल भारतीय पंचायत संगठन ने हंगामे के बाद बैठक का बहिष्कार करते हुए कोर्ट जाने का ऐलान किया है।
जिला प्रशासन द्वारा आठ मार्च को प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए आरक्षण चार्ट जारी किया था। जिसके बाद आरक्षण के संबंध में आपत्तियां मांगी गई थी। जिले में सभी पदों के लिए कुल 130 आपत्तियां आई थी। इन आपत्तियों के लिए शुक्रवार को विकास भवन में बैठक का आयोजन किया गया था। लेकिन बैठक के दौरान जमकर हंगामा हुआ। अधिकारियों द्वारा अधिकतर आपत्तियों को नियमानुसार बताकर खारिज करने के अंदेशे के चलते ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने कुछ गांवों में जारी आरक्षण को नियम विरुद्ध बताया। जिसको लेकर अखिल भारतीय पंचायत संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नानक चंद शर्मा ने कहा कि आपत्तियों पर सुनवाई के दौरान बैठक में डीएम, सीडीओ, डीपीआरओ और एएमए को मौजूद रहना था। लेकिन बैठक में केवल डीपीआरओ ही मौजूद थे। गांवों में गलत आरक्षण जारी करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि शाहबुद्दीन नगर पिछले पांच कार्यकालों में पिछड़ा वर्ग नहीं रहा है, अब यह अनुसूचित जाति में आरक्षित किया गया है। गांव काठीखेड़ा, भम्हैड़ा, मोड़ी, बदनौली, आलमपुर में भी आरक्षण नियमानुसार जारी नहीं किया गया है। बैठक में डीपीआरओ के अलावा किसी अन्य अधिकारी के मौजूद न रहने पर उन्होंने रोष प्रकट किया। उन्होंने बैठक के बहिष्कार की घोषणा करते हुए कोर्ट जाने की बात कही है। हालांकि, बाद में सीडीओ उदय सिंह ने आपत्तियों को सुना।
सीडीओ उदय सिंह का कहना है कि आरक्षण चार्ट राज्य निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन और नियमानुसार जारी किया गया है। हालांकि, कमेटी आपत्तियों पर विचार विमर्श कर उस पर अंतिम निर्णय लेगी। यह निर्णय नियमों के दायरे में रहकर ही लिया जाएगा।
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