सूटकेस हत्याकांड: पति-ससुर को पुलिस ने किया गिरफ्तार ,जीजा की तलाश
पुलिस ने सूटकेस में मिले युवती के शव के मामले में मृतका के पति नागेंद्र उर्फ अंशुल और ससुर रमेश को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पता चला कि पारिवारिक विवाद के चलते राखी की हत्या की गई थी। शव को ठिकाने...
सूटकेस में मिले युवती के शव के मामले में पुलिस ने मृतका के पति और ससुर को गिरफ्तार कर लिया है। जिस गाड़ी से शव लेकर यहां पहुंचे थे। उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। इसके अलावा एक बाइक भी बरामद की गई है। पुलिस का दावा है कि पारिवारिक विवाद को लेकर राखी की हत्या की गई थी और शव को ठिकाने लगाने में आरोपी पति के ससुर और जीजा ने मदद की थी। जीजा की पुलिस तलाश कर रही है। वहीं कोतवाली पुलिस ने गुड़गांव पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण कर आवश्य साक्ष्य एकत्र किए। एसपी कुंवर ज्ञानजय सिंह ने बताया कि सूटकेस में मिले शव की शिनाख्त राखी पत्नी नागेन्द्र उर्फ अंशुल निवासी हंस इंक्लेव सेक्टर 33 गुरुग्राम के रूप में हुई थी। मामले की जानकारी करने पर पता चला कि 14 नवंबर को नागेंद्र उर्फ अंशुक का अपनी पत्नी राखी के साथ अंशुल के घर वालों से बात करने को लेकर विवाद हुआ था। विवाद के दौरान अंशुल ने अपनी पत्नी राखी का मुंह व गले पर हाथ रखकर दम घोंट दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
एसपी ने बताया कि मृतका के शव को अंशुल ने नए खरीद कर लाए गए लाल रंग के ट्राली बैग (सूटकेस) में रखा और बैग को अपने जीजा धीरज व पिता रमेश की मदद से गुड़गांव से टैक्सी बुक कर शव को यहां दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग -9 पर बाईपास के नीचे सर्विस रोड पर फेंक कर फरार हो गए थे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने हत्यारोपी पति नागेंद्र उर्फ अंशुल व ग्राम सिमरावा थाना मोहली जनपद सीतापुर निवासी ससुर रमेश को गिरफ्तार कर लिया है।
मां बाप से बात करने का विरोध करती थी मृतका
पुलिस के अनुसार वर्ष 2018 में गुड़गांव के जिस कंपनी में अंशुल काम करता था,वहीं राखी भी काम करती थी। 2020 में दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था। दोेनों के परिजन ने उनसे बात करनी बंद कर संबंध विच्छेद कर दिया था। अंशुल की माता को कैंसर था जिस कारण वह अपनी मां व परिजन से बात करने लगा और उनकी मदद भी करना लगा। जिसका राखी विरोध करती थी। इसी बात को लेकर दोनों में अक्सर कहासुनी होती थी। अंशुल ने अपना मोबाइल नंबर भी बदल लिया था ताकि घर से फोन न आए वह अलग अलग नंबरों से घर फोन करता था।जिसकी जानकारी होने पर दोनों में विवाद हो गया था। कुछ दिन पहले अंशुल की बहन की शादी थी, जिसमें भी वह नहीं गया था।
तीन हजार रुपये की किराए पर की थी गाड़ी
शव को ठिकाने लगाने के लिए अंशुल ने तीन हजार रुपये की गाड़ी किराए पर ली थी।पहले उसने सीतापुर जाने की बात की तो चालक न मना कर दिया। इस पर वह हापुड़ तक ही आने के लिए वह तैयार हो गए थे। यहां से ही गाड़ी वापस हो गई थी।
सीसीटीवी में कार में दिखा था लाल बैग
पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो एेसी कारों की तलाश की जो छिजारसी टोल टैक्स से एक निश्चित समय में आकर वापस लौटी। एेसे में उन्होंने करीब 15 से बीस कार की फुटेज मिली, लेकिन एक कार में पीछे रखा लाल बैग दिख गया। पुलिस ने कार का नंबर लेकर उसके चालक से बातचीत की तो वारदात का पर्दाफाश हो गया।
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