गंगा में डूबी दुधमुंही बच्ची का दूसरे दिन भी नहीं लग पाया सुराग
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मां द्वारा अपनी तीन बेटियों को लेकर खुदकुशी की नीयत से गंगा में छलांग लगाने की घटना में लापता हुई दुधमुंही बच्ची का दूसरे दिन भी कोई अता लग पाना संभव नहीं हो पाया, हालांकि परिजनों के साथ मिलकर गोताखोर रात होने तक खोजबीन करने में जुटे रहे। चार बेटियां होने से ताने सुनकर गांव बागड़पुर निवासी वीरसिंह वीरू की तीस वर्षीय पत्नी पूनम काफी दिनों से मानसिक तौर पर बुरी तरह आहत चल रही थी। जो तेरह वर्षीय बड़ी बेटी प्रीति को घर पर छोडऩे के बाद दो दिन पहले जैनवाली गली में रहने वाले माता पिता के घर आ गई थी। जहां से शनिवार की शाम को वह तीन बेटियों को साथ लेकर खादर मेला स्थल पर लठीरा के कच्चे घाट पर पहुंच गई थी। लोगों की नजर हटते ही उसने खुदकुशी करने की नीयत से तीन बेटियों के साथ गंगा की उफनती जलधारा में छलांग लगा दी थी। बच्चिों के चीखने चिल्लाने का शोर सुनकर आसपास के जंगल में कामकाज कर रहे कई किसानों ने आनन फानन में छलांग लगाकर अथक कोशिश करते हुए पूनम समेत उसकी पांच वर्षीय बेटी स्वाति और तीन वर्षीय पल्लवी को जिंदा बचाकर गंगा से बाहर निकाल लिया था। परंतु छलांग लगाने के दौरान गोद में ली हुई एक वर्षीय दुधमुंही बच्ची नव्या का कोई अता पता लग पाना संभव नहीं हो पाया था। दूसरे दिन रविवार को भी परिजन लठीरा के कच्चे घाट पर पड़ाव डालकर गोताखोरों से गंगा में मासूम नव्या की खोजबीन कराने में जुटे रहे, परंतु दिन ढलने के बाद भी कोई अता पता लग पाना संभव नहीं हो पाया। इंस्पेक्टर नीरज कुमार का कहना है कि गंगा में डूबी मासूम बच्ची की खोजबीन अभी जारी चल रही है। परिजनों की तरफ से अगर कोई तहरीर आती है तो उसके आधार पर जांच कराकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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