सुबह 8 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा मकर संक्राति का पर्व
Hapur News - माघ मास में सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होते ही मकर संक्रांति पर्व और प्रयागराज महाकुम्भ अमृत स्नान शुरू होगा। इस दिन से विवाह, गृहप्रवेश जैसे शुभ कार्य फिर से प्रारंभ होंगे। मकर संक्रांति का...
माघ मास के साथ सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही सूर्य के उत्तरायण होने से मकर संक्राति पर्व के साथ पौराणिक ग्रंथों में वर्णित प्रयागराज महाकुम्भ अमृत स्नान प्रारम्भ हो जाएगा। इसी के साथ एक महीने से बंद समस्त शुभ मंगल कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, अन्नप्राशन, मुंडन, कुआं पूजन, नींव पूजन आदि समस्त शुभ मंगल कार्य शुरु हो जाएगा। भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा अध्यक्ष केसी पांडेय ने बताया कि निर्णयसिंधु, धर्मसिंधु आदि धर्मग्रंथो के अनुसार जिस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। उसी दिन मकर संक्राति होता है। मकर संक्राति का पुण्यकाल संक्राति समय से 40 घड़ी अर्थात 16 घंटे का समय अत्यंत शुभ होता है। सुबह 8.55 से देर रात 12:55 तक गंगा व अन्य पवित्र नदी में स्नान-जप, दान आदि शुरु हो जाएगा।जो सूर्यास्त सायंकाल 5 बजकर 38 मिनट पर होगा। अत: धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार सुबह में संक्राति समय से 2 घंटे और सूर्यास्त से पहले के 2 घंटे विशेष शुभ होने से इस समय में स्नान, दान करना अत्यंत पुण्यफल प्रदान करने वाला होगा।
पद्मपुराण में मकर संक्राति के दिन प्रात काल स्नान दान को उत्तम बताया गया है। स्कन्द पुराण व कालिका पुराण में बताया गया है कि जो मनुष्य सूर्य के उत्तरायण होने अर्थात मकर संक्रांति के दिन ब्राह्मणों को तिल व तिल से बनी वस्तुओं, वस्त्रदान, सुवर्ण दान करता है तथा शिव मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाता है, तिल से हवन करता है उसके समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है।
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