दो अभियुक्तों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने अपहरण और धोखाधड़ी के मामले में दो आरोपियों, सुनील और ललित, को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड से दंडित किया है। दोनों को विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई...
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने अपहरण व धोखाधड़ी के मामले में बुधवार को निर्णय सुनाया है। जिसमें न्यायाधीश ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है। एक आरोपी को आजीवन कारावास व 55 हजार रुपये के अर्थदंड़ व दूसरे आरोपी को आजीवन कारावास की सजा व 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि कोतवाली पिलखुवा में सोनू ने तहरीर देते हुए बताया कि सात अप्रैल 2015 को उसकी माता प्रकाशो देवी को दिन में करीब 11 बजे उसे तथा उसके भाई सतीश की जानकारी के बिना अर्जुन नगर पिलखुवा निवासी सुनील तथा मोहल्ला गढ़ी नई आबादी पिलखुवा निवासी ललित अपनी मोटर साईकिल पर बैठाकर परतापुर चौराहे के पास स्थित उनका 165 वर्गगज प्लाट का बैनामा कराने धौलाना तहसील गए थे। जहां बैनामें में गवाह का नाम सतीश तथा सोनू लिखाया था। लेकिन सतीश की जगह सुनील ने अपना फोटो लगाकर धोखाधड़ी करके सतीश के हस्ताक्षर किये हैं। उसके बाद इन्द्रजीत चौहान निवासी अतरौली ने कुल 3,46,000 रूपये प्रकाशों देवी को दे दिये थे। परतापुर रोड पर ललित व सुनील ने उसकी माता प्रकाशों देवी को बीच में बैठाकर मोटर साइकिल पर ले जाते हुए देवेंद्र व दाताराम, बालकिशोर निवासी रामपुर पिलखुवा ने देखा है। उन्हें शक है कि बैनामे के रुपये हड़प करने के लिए ललित व सुनील ने उसकी माता प्रकाशों देवी को कहीं ले जाकर उसकी हत्या करके शव को कहीं छुपा दिया। पुलिस ने इस मामले में अपहरण और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया।
विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने अभियुक्त सुनील व ललित को धारा-364 भा.दं.सं के अन्तर्गत दोषी पाते हुए प्रत्येक को आजीवन कारावास एवं बीस-बीस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर प्रत्येक को दो-दो माह के साधारण कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अभियुक्तगण सुनील व ललित को धारा-411 भा.द.स के अन्तर्गत दोषी पाते हुए प्रत्येक को दो-दो वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया है। अभियुक्त सुनील को धारा 467 भा.दं.सं के अंतर्गत दोषी पाते हुए 10 वर्ष के कारावास एवं 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अभियुक्त सुनील को धारा 368 भ.दं.सं के अंतर्गत दोषी पाते हुए तीन वर्ष के कारावास व 5 हजार रुपये के अर्थदंड़ से दंडित किया हरै। अभियुक्त सुनील को धारा 420 भ.दं.सं के अंतर्गत दोषी पाते हुए चार वर्ष के कारावास एवं दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अभियुक्तगण सुनील व ललित की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
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