महात्मा गंगा दास के विचारों को स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ने का होगा प्रयास: जयंत चौधरी
- बेटियों को व्यापार, शिक्षा, सामाज, खेल आदि में आगे आकर काम करने का किया आग्रह आदि में आगे आकर काम करने का किया आग्रह - केंद्रीय मंत्री व रालोद प्रम
रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि उत्तर भारत में महात्मा गंगा दास का साहित्य के क्षेत्र में बड़ा योगदान रहा है। खड़ी बोली में वह पहले विख्यात कवि थे। उनकी कविताओं पर काफी किताबें और ग्रंथ हैं। इसलिए संत गंगादास जी के जो विचार और उनका लेखन थे, उसको स्कूली व्यवस्था में पाठ्यक्रम के रूप में जोड़ने के लिए मंत्रालय के विशेषज्ञों को बुलाकर सलाह की जाएगी। वह शनिवार को कुचेसर चौपला में महात्मा गंगा दास की स्मृति में आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
जयंत चौधरी ने कहा कि हापुड़ किसानों की धरती है, इसलिए हमारी परपंरा रही है कि इस तरह के सामाजिक कार्य करते आए है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिनिधि सरकार में भी है, इसलिए किसानों की धरती है और किसानों की समस्याओं पर हमेशा हमारी नजर रहती हैं। चाहे गन्ने हो. चाहे हॉटरिक्लचर हो, किसानों को अच्छा लाभ दिलाना ही हमारा प्रयास है। उन्होंने दंगल की प्रंशसा करते हुए कहा कि महात्मा गंगा दास की स्मृति में हर साल कुचेसर चौपला पर दंगल होता है।
इसमें पूरे देश के खिलाड़ी शिरकत करने आते है। उन्होंने ओलपिंक में अंडर-19 में भारत को गोल्ड दिलाने वाली रितिका हुड्डा की प्रंशसा करते हुए कहा कि भारत का नाम रोशन करने वाली रितिका हुड्डा भी दंगल में खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने पहुंची है। इससे प्रेरणा लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवा खेल के क्षेत्र में आगे बढ़कर नाम रोशन करेंगे। इसके लिए दंगल के आयोजक, ग्रामीण व समाजसेवी बधाई के पात्र है। उन्होंने यह भी कहा कि हापुड़ मेरे दादा चौधरी चरण सिंह की जन्मस्थली है। मेरा गांव नूरपुर पास में ही है, इसलिए यह मेरे पूर्वजों की धरती है।
इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी, पूर्व सांसद मलूक नागर, पूर्व सांसद लखीराम नागर, पूर्व विधायक कमल मलिक, सदर विधायक विजयपाल आढ़ती, प्रदेश सचिव शिवकुमार त्यागी, रालोद जिलाध्यक्ष रविन्द्र चौधरी, बिट्टू त्यागी, पवनवीर, प्रवीन शर्मा, महेन्द्र त्यागी, सतेन्द्र चौधरी, जितेन्द्र मलिक, अनुभव नरवाल, हेमंत मिश्रा, वीरेन्द्र सिंह, सुनील, आकिल खान, प्रफुल्ल सारस्वत, रिंकू सिंह आदि शामिल रहे।
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पुरुष प्रधान व्यवस्था को खत्म कर बेटियों की क्षमता को बढ़ाए
जयंत चौधरी ने कहा कि हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में बेटिया जो काम करना चाहती है, उनके अंदर जो क्षमता है वह कहीं न कहीं सामाजिक व्यवस्था के कारण वंचित हो रही है। क्योंकि पुरूष प्रधान व्यवस्था हमारे क्षेत्रों में रही है। इसलिए उन्होंने बड़े बुजुर्गो से आग्रह किया कि बड़े सपने देखने के लिए अपनी बेटियों को तैयार करें। व्यापार, शिक्षा, सामाज, खेल आदि के क्षेत्र में जो बेटी आगे आकर काम करना चाहती है, उसे रोकना नहीं चाहिए।
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