Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़हापुड़In Gimp it was only the people who beat their loved ones

जिंप में अपनों ने ही दे दी अपनों को पटखनी

हमे तो अपनों ने मारा, गैरो में कहां दम था यह कहावत जिपं के चुनाव में सहीं साबित हो गई। भाजपा तथा सपा पर तो यह कहावत लगभग सटीक बैठ रही...

Newswrap हिन्दुस्तान, हापुड़Tue, 4 May 2021 11:41 PM
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सिम्भावली। हमे तो अपनों ने मारा, गैरो में कहां दम था यह कहावत जिपं के चुनाव में सहीं साबित हो गई। भाजपा तथा सपा पर तो यह कहावत लगभग सटीक बैठ रही है। जिपं में गलत टिकट वितरण तथा नेताओं की उपेक्षा से उपजा आक्रोश विधान सभा के चुनावों में दलों के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है।

सिम्भावली ब्लॉक क्षेत्र में जिंप सदस्य के लिए चार वार्ड है। जिनमें वार्ड न0 पांच से बसपा उम्मीदवार रेखा नागर, छह से डॉ तमकीन, सात से सपा की रुचि यादव तथा आठ से भाजपा की पूजा बंसल विजयी हुई है। मगर इस पूरे चुनाव में अपनो ने अपनों की टांग खींचने का पूरा प्रबंध पहले ही कर लिया था। वार्ड न0 पांच पर निवर्तमान जिपं सदस्य केके हुण का टिकट काटकर करीब लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए देवेन्द्र प्रधान की पत्नी को दे दिया गया। जिसका नतीजा रहा कि केके हुण ने अपनी पत्नी को निर्दलीय के रुप में मैदान में उतार दिया। भाजपा के वोटर दो स्थानों पर बट गए, इसका फायदा उठाकर बसपा की रेखा नागर वहां से सीट निकाल ले गई। वार्ड न0 छह तथा आठ में सपा के अधिकृत प्रत्याशी रविन्द्र प्रधान तथा अशोक यादव के सामने सपा नेता सतपाल यादव ने अपने बेटे उमंग यादव तथा पत्नी सुनीता यादव को उतार दिया, जिससे सपा के वोटरों में असमजंस पैदा हो गई तथा वोट दो जगह बट गया। वहीं साईलेंट रुप से चुनाव लड़कर सुभाष प्रधान अपनी बेटी पूजा बंसल को जीत दिलाने में सफल हो गए। वार्ड न0 सात में तो भाजपा के नेताओं ने एैसा कारनामा कर दिया कि भाजपा का वोटर सपा प्रत्याशी के पक्ष में पहुंच गया। यहां पिछले काफी दिनों से जिपं सदस्य पद के लिए तैयारी कर रहे निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख रविन्द्र यादव तथा वरिष्ठ नेता मीना सिंह का टिकट काटकर बसपा से टिकट में पिछडने वाले कुलदीप सिंह पुनिया की पत्नी को टिकट थमा दिया। जबकि कुलदीप पूनिया पिछले छह माह से बसपा से टिकट मांगकर होर्डिंग्स, पोस्टर आदि से क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे। इस बात से नाराज 80 प्रतिशत भाजपाई गोपनीय रुप से सपा प्रत्याशी रुचि यादव के साथ अथवा निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ी ब्लॉक प्रमुख की पत्नी नीतू सिंह के पक्ष में पहुंच गए। जिसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा यहां करीब चार हजार से अधिक वोटों से अपनी सीट गंवा बैठी।

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