बच्चों का पोषाकार डकारने को कोशिश, चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज
Hapur News - बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित होने वाले दलिया और चने की दाल को मंडी पक्का बाग से जब्त किया है। एसडीएम ने चालक के खिलाफ कार्रवाई की है, जबकि विभाग के अधिकारियों की...

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आईसीडीएस पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं को वितरित किए जाने वाला दलिया और चने की दाल एसडीएम ने बुधवार को मंडी पक्का बाग मंडी से 1464 किलोग्राम दलिया और 888 किलोग्राम चने की दाल को जब्त किया था। इस मामले में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों ने पोषाहार की कालाबाजारी का ठीकरा वाहन चालक के सिर फोड़ा है। इसको लेकर कोतवाली में छोटा हाथी चालक के खिलाफ दर्ज कराया गया है। दिलचस्प बात यह है कि माल किसने भेजा कौन -कौन इस काला बाजारी में शामिल था इसका मुकदमें में कोई जिक्र नहीं हैं। हालांकि अफसर जांच कराने का दावा करते हुए मामले में पल्ला झाड़ रहे हैं। यह राशन सिंभावली ब्लाक के आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित होना बताया जा रहा है।
एसडीएम ईला प्रकाश को बुधवार को सूचना मिली कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को वितरित होने वाला दलिया पक्का बाग मंडी में बेचने के लिए लाया गया है। इस सूचना पर तुरंत एसडीएम पक्का बाग मंडी पर पहुंची तो एक छोटा हाथी चालक एसडीएम की गाड़ी देख गाड़ी मौके पर छोड़कर फरार हो गया था। जानकारी करने पर पता चला की यह खाद्य सामग्री सिंभावली क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित होने वाली थी। छोटा हाथा चालक नगर में कालाबाजारी करने के लिए व्यापारी सचिन उर्फ टीटू के यहां आ गया था। इस पर रात में एडीएम संदीप कुमार ने व्यापारी की दुकान को सील भी करा दिया था। एसडीएम ने बताया कि इस मामले में चालक ने स्वीकार किया है कि वह राशन को अवैध तरीके से बेचने के लिए आया था। जिसके बाद चालक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
जांच टीम की गठित
इस मामले में डीएम प्रेरणा शर्मा ने एसडीएम और एडीएम से जांच रिपोर्ट मांगी थी। गुरुवार को जांच रिपार्ट मिलने के बाद डीएम ने रिपोर्ट दर्ज कराने की संस्तुति की। वहीं, इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय की ओर से तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है। इस कमेटी में सीडीपीओ सरिता शर्मा, जिला समन्वयक और ब्लाक से एक-एक अधिकारी को शामिल किया गया है। यह टीम दो दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। वहीं सामने आया है कि सिंभावली की सीडीपीओ पूनम अवकाश पर थीं। वहीं सुपरवाइजर मिथलेश की जांच की जा रही है।
आंगनबाड़ी केंद्र के बजाय मंडी में कैसे पहुंचा पोषाहार
इस मामले में विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल यह उठ रहा है कि पोषाहार आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचने की बजाय मंडी में बिक्री के लिए कैसे पहुंच गया है। इस मामले में कौन कौन शामिल है। दिलचस्प बता यह है कि 36 घंटे के बाद के बाद जिम्मेदार अफसरों ने सिर्फ छोटा हाथी चालक को मुकदमें में आरोपी बनाया है। लेकिन वह यह नहीं पता कर सके कि इसमें कौन कौन विभागीय कर्मचारी शामिल है। हालांकि मौके पर विभाग की एक अधिकारी ने दावा किया था कि यह दलिया यहां का नहीं हैं। इस मामले में जांच के नाम पर खानापूर्ति करने का आरोप लगा रहा है। जबकि चर्चा यह है कि छोटा हाथी किराए पर लिया था, उससे किराया तय कर बताया गया था कि कहां माल जाना है। लेकिन रिपोर्ट में यह उल्लेख नहीं किया गया कि किसने छोटा हाथी किसने बुक कराया था। किन किन आगंनबाड़ी केंद्र का यह खाद्यान्न है। किसने इस खाद्यान्न को भेजा था।
क्या कहती हैं एसडीएम
इस मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। मामले की जांच के लिए जांच टीम गठित कर दी गई है। जांच में जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ईला प्रकाश, एसडीएम सदर
जनपद में कितन हैं कुपोषित बच्चे
जनपद में कुपोषित बच्चे कि संख्या-1297
जनपद में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या -109
जनपद में कुपोषण की श्रेणी के कुल बच्चो की संख्या -1409
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