मौत से लड़ते निकले थे पाक से, भारत में नई खुशहाल जिंदगी बनी
विभाजन दिवस: थे कई परिवार - दिल्ली पहुंचने के बाद हापुड़ में करने लगे कारोबार - विभाजन की रात को हुई दिक्कतों को सो आज
बंटवारे की त्रास्दी को आज तक वो परिवार दिल और दीमाग से नहीं निकाल पा रहे हैं। जिनके पिता तथा दादा ने 14 अगस्त 1947 की रात को अपने परिवार के साथ मौत जैसे आगोश में बिताया था। हापुड़ में हर साल 14 अगस्त को ये परिवार विभाजन दिवस को काला दिवस के रुप में मनाते हैं। वे लोग उस दिन को मौत से जंग और उसके बाद देश में खुशहाली जिंदगी को बयां कर रहे हैं।
जनपद में 100 से ज्यादा परिवार पाकिस्तान से आने वाले हैं। गंगा की तलहटी से लेकर नगर के मोहल्लों में परिवार बसे हुए है। आज सभी परिवारों के कारोबार चल रहे हैं। परंतु जिंदगी की शुरूआत शून्य से हुई थी।
सरदार जागीर बताते है कि 14 अगस्त 1947 को रोते बिलखते आ रहे थे। आज भी वह सीन याद आने पर आंखों में आंसू आ जाते हैं। 5 दिन में पाकिस्तान से अपने देश पंजाब के फिरोजपुर पहुंचे और वहां पर सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर से राशन फेंका जाता था। जिसको खाकर गुजारा करते थे। कुछ समय बीत जाने के बाद सरकारों ने उधर जो जमीन थी वह हमें देश में दी। इसके बाद खेती करके हमने गुजारा किया। इसी तरह अन्य लोग भी बताते हैं कि सरकार ने मकान और मुआवजा दिया था। लेकिन मुआवजा कोई ज्यादा नहीं था। राजीव सचदेवा बताते है कि मां पुष्पा सचदेवा बताती थी कि जेवरात, जमीन, जयदाद सब छोड कर बस जीवन लेकर भारत को भागे थे। लेकिन आज हम सब ठीक कारोबार कर रहे हैं। हापुड़ में रहने वाले 100 से ज्यादा परिवारों ने 75 साल में फिर से एक खुशहाल दुनिया बसायी हुई है। दिल्ली, नोएडा समेत हापुड़ तथा अन्य कई राज्यों में कई परिवारों के कारोबार है। कई परिवार आज विदेशों में भी कारोबार कर रहे हैं।
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हर तरफ बस हमला हमला
हापुड़ वरिष्ठ संवाददाता
नगर में रहने वाले मनमोहन सिंह छावडा पंजाबी सभा के अध्यक्ष भी है। जो 14 अगस्त 1947 को हर साल की 14 अगस्त को याद करते हैं। मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी जाती है। बताते हैं कि मां 85 साल की है, जो बताती है कि जब हम ट्रेन से आ रहे थे तो ट्रेन में एक डिब्बे में कई कई हजार सवारी थी। जिनर हमले हो रहे थे। आज हम खुश हैं, बढिया से परिवार कारोबार कर रहे हैं।
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पुरखां नू याद करिये...
पंजाबी समाज के उन शहीदों को जिन्होंने 1947 के बंटवारे के दौरान देश की खातिर अपने प्राणों की कुर्बानी दी, उनकी याद में पंजाबी सभा समिति, हापुड़ द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवसदिन बुधवार शाम 7:00 बजे स्थान कलक्टर गंज के ठीक बाहर, रेलवे रोड हापुड़ में आयोजित कर रही है। जिसमें 1947 के शहीदों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
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