गंगा के जलस्तर में इजाफा होने से चौतरफा चेहरे खिले
Hapur News - -श्रद्धालुओं को लगानी पड़ रही थी गहरे जल में डुबकीजल में डुबकी -अनहोनी घटना होने की रहती थी आशंका -गंगा जलस्तर घटने से बैरिकेडिंग आ गई थी सूखे में फोट
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से नाविकों समेत आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं के चेहरे खिलने के साथ ही अनहोनी घटना होने का खतरा भी काफी हद तक टल गया है। कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले के दौरान डूबने की घटनाओं की रोकथाम को सिंचाई विभाग ने करीब ढाई करोड़ की लागत से ब्रजघाट गंगा किनारे जैटी बैरिकेडिंग लगवाई थी। ताकि श्रद्धालु उसके अंदर रहकर ही गंगा की जलधारा में डुबकी लगा सकें। परंतु सर्दी का मौसम प्रारंभ होते ही तापमान में तेजी से गिरावट आ गई थी। साथ ही पहाड़ों पर ग्लेशियर पिघलने का क्रम बंद होने से गंगा के जलस्तर में बड़े स्तर पर गिरावट आने से जलधारा बैरिकेडिंग से कई मीटर दूर गई थी। जिसके कारण ढाई करोड़ की लागत से लगवाई गई जैटी बैरिकेडिंग सूखे में आने से अनहोनी घटना होने का खतरा लगातार मंडरा रहा था। क्योंकि आसपास में पानी न होने से श्रद्धालुओं को बैरिकेडिंग को लांघकर गहरे पानी में जाकर डुबकी लगाने को मजबूर होना पड़ रहा था। इसके अलावा गंगा के जलस्तर में गिरावट होने के कारण नाव चलाने वालों को भी भारी दिक्कत झेलनी पड़ रही थीं, क्योंकि नौकायन का आनंद लेने वालों को बैठाने के लिए बैरिकेडिंग पार कराना मजबूरी बनी हुई थी। परंतु इसी बीच शनिवार को गंगा के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी हो गई, जिससे श्रद्धालुओं समेत नाविकों के चेहरे खिल उठे हैं। गंगा सभा आरती समिति के संचालक कपिल शर्मा और श्री गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष विनय मिश्रा का कहना है कि जलस्तर में बढ़ोतरी होने से अब अनहोनी घटना होने का खतरा काफी कम हो गया है, क्योंकि श्रद्धालु जैटी बैरिकेडिंग के अंदर रहकर ही आसानी के साथ डुबकी लगा रहे हैं।
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