Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़हापुड़Ganga River Shifts Pilgrims Forced to Camp in Restricted Areas Amidst Land Encroachment

श्रद्धालुओं को गाढऩे पड़ रहे हैं वर्जित क्षेत्र में तंबू, जिला पंचायत वीआईपी कैंपों में में घिरी है कई बीघा भूमि

मिनी कुंभ में तंबू -जिला पंचायत और वीआीपी कैंपों में समा चुकी है कई बीघा भूमि -भाकियू के अलग अलग धड़ों ने भी मनचाही

Newswrap हिन्दुस्तान, हापुड़Tue, 12 Nov 2024 07:07 PM
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गंगा की जलधारा खिसने से इस बार खादर मेले में पड़ाव डालने के लिए उपयुक्त भूमि मुहैया न होने पर श्रद्धालुओं को खतरे वाले वर्जित स्थानों पर तंबू गाढऩे को मजबूर होना पड़ रहा है, परंतु दूसरी ओर जिला पंचायत अधिकारी, बोर्ड, नेता और भाकियू के अलग अलग धड़ों के कैंप कई कई बीघा भूमि में बनाए हुए हैं। बरसात के दौरान आई बाढ़ के समय भूकटान करते हुए गंगा नदी की जलधारा एक मील से भी अधिक का दायरा पार करते हुए गढ़ की साइड में खिसक आई है। जिसके कारण खादर मेले का स्थान इस बार काफी सिमट चुका है। जिससे लाखों श्रद्धालुओं को पड़ाव डालने के लिए उपयुक्त स्थान न मिलने पर मजबूरी में भूकटान और अधिक गहराई वाले वर्जित स्थानों पर तंबू गाढऩे के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। एक तरफ श्रद्धालुओं को किसी भी तरह और कहीं भी अपना तंबू गढ़ जाने की धुन सवार है, तो वहीं दूसरी ओर जिला पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों से लेकर बोर्ड से जुड़े सदस्यों के कैंप कई कई बीघा जमीन में बनाकर बड़े स्तर पर भूमि घेरी हुई है। इसी तरह भाकियू के अलग अलग धड़ों ने भी सदर बाजार से लेकर विभिन्न सेक्टरों में मनचाहे ढंग में कई कई बीघा भूमि घेरकर अपने कैंप लगाए हुए हैं।

अगर जमीनी हकीकत देखी जाए तो जिला पंचायत विभाग से जुड़े कैंप इतनी अधिक भूमि में बनाए हुए हैं, जिसमें हजारों श्रद्धालु पूरी तरह सुरक्षित रहते हुए अपने परिवारों के साथ पड़ाव डाल सकते हैं। तकरीबन ऐसी ही स्थिति पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की भी है, क्योंकि उनके कैंप भी काफी बड़े दायरे में बनाए हुए हैं। किसान नेता धर्मवीर डबास का कहना है कि जिला पंचायत बोर्ड और वीआईपी कैंपों का स्थान सीमित किया जाए, ताकि जगह न मिलने पर श्रद्धालुओं को जान हथेली में रखकर वर्जित स्थानों पर पड़ाव डालने को मजबूर न होना पड़े।

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