पहले राउंड से आखिर तक आगे, लॉटरी ने हराया
जनपद के कई गांवों में चुनाव विधानसभा की तरह हुआ है। गांवों में युवाओं के बीच जमकर घमासान हुआ है। जिसमें एक गांव में शुरू से आखिर तक आगे चलता रहा...
हापुड़। जनपद के कई गांवों में चुनाव विधानसभा की तरह हुआ है। गांवों में युवाओं के बीच जमकर घमासान हुआ है। जिसमें एक गांव में शुरू से आखिर तक आगे चलता रहा युवा प्रधान, बाद में जाकर बराबर होने पर लॉटरी से हार गया। इसके अलावा बीडीसी भी बराबर पर आकर लॉटरी प्रणाली से फाइनल की गई।
जनपद में दर्जनों गांवों की आबादी 15 और 20 हजार से अधिक हैं। जबकि अन्य कई गांव दस हजार के आसपास है। परंतु इन सबके अलावा छोटे गांवों में भी कोरोना काल के दौरान हुए चुनाव में मतदाताओं ने जमकर युवाओं के बीच घमासान कराया है।
नहीं चले पैसे, बना दिए प्रधान--
कई गांवों में प्रधान पद के दावेदारों ने 20 लाख से लेकर 70 लाख रुपये तक खर्च कर दिए है। परंतु अगर देखा जाए पैसा ज्यादा खर्च करने वाले लोगों को मतदाताओं ने नकार दिया है। जबकि शिक्षित और काम करने वाले युवाओं को गांव का प्रधान बना दिया है।
शुरू से आखिर तक जीता, बाद में नसीब ने हराया--
गांव बदरखा में अंबार से पहले ही राउंड से बढ़त हासिल कर ली थी। जो आखिरी वार्ड तक आगे चलता रहा। अंतिम वोट ने अंबार के सामने हसीन की पत्नी कोे उतनी ही वोट पर लाकर खड़ा कर दिया। दोनों प्रत्याशियों की 812 वोट हो गई। जिसके बाद आरओ ने लॉटरी सिस्टम से निर्णय लिया तो हसीन की पत्नी चुनाव जीत गई।
दौताई ने पिर जताया विश्वास, असौड़ा की काउंटिंग जारी---
ज्यादातर गांवों में पुराने प्रधानों का नकार दिया है। परंतु दौताई गांव में दोबारा में पूर्व प्रधानपति को इस बार प्रधान का ताज दे दिया है। जबकि असौड़ा में आज भी काउंटिंग होने के बाद कोई निर्णय नहीं लिया गया है। धनौरा में रिंकू त्यागी भाकियू ने चुनाव जीत लिया है।
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