Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़हापुड़Divine Bhagwat Katha Ceremony Begins in Vrindavan with Indresh Maharaj

दुख हरण राधा रमण का चरित्र ही भागवत कथा है: आचार्य इंद्रेश

शुक्रवार को श्रीमद्भागवत कथा का हुआ शुभारंभ फोटो संख्या-6 हापुड़, संवाददाता। वृंदावन धाम से पधारे कथा वा

Newswrap हिन्दुस्तान, हापुड़Fri, 22 Nov 2024 07:41 PM
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वृंदावन धाम से पधारे कथा वाचक इंद्रेश जी महाराज के पावन मुखारविंद से एवं भगवत धाम के परम पूज्य प्रात:स्मरणीय महामंडलेश्वर डा.स्वामी विवेकानंद जी महराज के दिव्य उपस्थिति एवं कृपा पुर्ण सन्निधि में भागवत भक्ति अनुष्ठान का शुक्रवार को शुभारंभ मंगल मंत्रों के साथ हुआ। जिसमें आचार्य इंद्रेश ने बताया कि दुख हरण राधा रमण का चरित्र ही भागवत कथा है और उनके ही भक्तों का जीवन वृत्त भगवान के कथा से कम नहीं है अत: इनमें अंतर नहीं समझना चाहिए। कथा वाचक ने प्रवचन करते हुए कहा कि मनुष्य का जीवन पाना बहुत कठिन है, देव दुर्लभ भी हैं परन्तु जो इसका सही लाभ नहीं उठा पाते वो सभी आत्मा कहलाते हैं।इसलिए सावधानी पूर्वक यज्ञ तप अनुष्ठान भगवत वार्ता का अनुशीलन करें और भगवत कृपा का अनुभव करते रहे क्यों कि यह सब गुरु कृपा भगवंत कृपा के बिना हो नहीं सकता ।जैसे गोपियां कृष्ण से प्रेम करती है तो कान्हा भी उनकी याद करते है यही गीता का सिद्धांत है। ए यथा माम प्रपद्यंते। जैसे आप प्रभु को भेजोगे अवश्य ही प्रभु भी याद करते है।

कथा वाचक इंद्रेश ने भागवत माहात्म्य का वर्णन कर के बताया सत चित आनंद भगवान का ही रूप है जैसे आप के जीवन में भागवत महा पुरुष आ जाए और आप न जानते हुए भी आदर से सर झुक जाता है यानि सत्य को स्वीकार कर लिया यही सत्य भागवत तत्व है। ज्ञान के होने से जो प्रकाश हृदय में प्रकट होता वही चित है उससे मिलने वाला अपूर्व शांति ही आनंद ही भगवान का रूप है। ओरछा के आचार्य उपरोहित श्री हरि राम व्यास का चरित्र सुनाया। आरती में स्वामी रविन्द्रानंद महराज एवं समस्त भक्त सम्मलित हुए। आचार्य डॉ राम सहाय त्रिपाठी ने मंत्र पुष्पांजलि के साथ प्रथम दिवस की कथा का विश्राम करवाया। इससे पूर्व नगर में कलश यात्रा निकाली गई।

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