चार ब्लॉक का जिला, फिर भी 36 घंटे में प्रशासन नहीं करा पाया काउंटिग
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना कराने में इस बार जिला प्रशासन का फैलियर साफ देखने को मिला। लगातार 36 घंटे चली मतगणना के बाद भी प्रशासन जिला...
हापुड़। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना कराने में इस बार जिला प्रशासन का फैलियर साफ देखने को मिला। लगातार 36 घंटे चली मतगणना के बाद भी प्रशासन जिला पंचायत सदस्य सीटों की काउंटिग पूरी नहीं कर सका। जबकि ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, ब्लॉक प्रमुख समेत अन्य पदों की हर गणना के बाद आकंडे़ सार्वजनिक नहीं किए गए। इससे प्रत्याशी तक नहीं जान पाए, कि कौन दौड़ में आगे है, कौन पीछे।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना के लिए जिला प्रशासन ने हापुड़ ब्लॉक की मतगणना के लिए नवीन मंडी, गढ़मुक्तेश्वर की महेन्द्र सिंह डिग्री कालेज, सिभांवली आरएसके इंटर कालेज और धौलाना ब्लॉक की आईटीआई कालेज में व्यवस्था की थी। सभी जगह रविवार की सुबह 8 बजे मतगणना शुरू होनी थी। लेकिन हापुड़ में सुबह 9 बजे मतगणना शुरू हुई। रविवार को दिनभर चली मतगणना के दौरान पहले राउंड की शाम तक भी सूचना सार्वजनिक नहीं की गई। कुछ ग्राम प्रधान पदों की देर शाम सूचना सार्वजनिक की गई। रातभर के बाद सोमवार को दिनभर मतगणना होती रही। लेकिन न तो प्रधान, न ब्लॉक प्रमुख और न ही जिला पंचायत सदस्यों की सूचना जारी हुई। प्रत्याशियों व एजेंट को यह भी पता नहीं चल रहा था, कि कौन प्रत्याशी कितनी वोट से आगे है। प्रत्याशी बार बार पूछता रहा, और आरओ उन्हें टहलाते रहे। करीब 36 घंटे बीत जाने के बाद भी जिला पंचायत सदस्यों से लेकर ग्राम प्रधानों के प्रशासन आकड़ें नहीं दे पाया। हालांकि वार्ड नंबर एक के जिला पंचायत सदस्य की सीट को सोमवार की दोपहर ही सार्वजनिक कर दिया था। इसके बाद न तो आकड़ा एनआईसी पर अपलोड हो रहा था, न ही हर राउंड में गिने वोटों को ब्लैक बोर्ड व माइक पर एनाउस किया जा रहा था। ऐसे में लोगों को भूखे प्यासे प्रशासन की उदासीनता वाली तैयारियों के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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तिलमिलाए अफसरों ने फोन उठाने किए बंद ---------
तीन ब्लॉक के जिले में 36 घंटे बाद भी जिला पंचायत की काउंटिग नहीं करा पाने की नाकामी को छूपाने के लिए जिला प्रशासन के अफसरों ने फोन उठाने बंद कर दिए। जबकि सोमवार की दोपहर एक अफसर ने तो काउंटिग में देरी होने पर नाराजगी जाहिर कर एसडीएम को सबके सामने फटकार लगा दी।
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एक घंटे कह कह कर सूचना अधिकारी को भी टालते रहे अफसर--
जिला पंचायत की मतगणना को सार्वजनिक करने के लिए जिला सूचना अधिकारी आरओ से लेकर अन्य अफसरों से डाटा मांगती रही, लेकिन अधिकारी हर बार एक घंटे में डाटा देने की बात कहकर उन्हें टालते रहे। लेकिन रात 9.30 बजे तक भी प्रशासन उन्हें डाटा नहीं दे पाया।
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