जनुपुरा-वझीलपुर के बूढे दूज मेले में उमड़ी श्रद्धा की भीड़
Hapur News - जनुपुरा-वझीलपुर के बूढे दूज में उमड़ी श्रद्धा की भीड़ बूढे बाबा के मेले में लगा आस्था का मेला -आटा, गुड़ और पैसे जोहड़ में चढाकर लिया बूढ़े बाबा का आ
बूढ़े बाबा की दूज शुक्रवार को श्रद्धा से मनाई गई। जनपद के गांव वझीलपुर और जनुपुरा में बूढ़े बाबा की दूज का मेला लगा। कस्बों और गांवों में भी बूढ़े बाबा की दूज मनाई गई। बूढे बाबा की दूज पर मेलों का आयोजन होता है जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। दोनों जगह मेलों में जोहड में मुंह तथा हाथपेर धोकर चर्म रोग से मुक्ति की अरदास की जाती है। मान्यता है कि बूढ़े बाबा की दूज पर पूजा करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। इसी आस्था के चलते लोग ग्रामीण क्षेत्र में पोखरों में बूढ़े बाबा की दूज का पूजन करते हैं। आटा व दाल आदि कुम्हार को देकर पोखर से निकाली जाने वाले मिट्टी का तिलक लगवाया जाता है।
हापुड़ के गाव वझीलपुर और जनुपुरा में बूढे बाबा की दूज का मेले लगे। जिसमें सभी जाति व धर्म के हजारों लोगों ने बढ चढकर हिस्सा लिया और अपने परिवार की सुख समृद्धि की प्रार्थना की । ज्ञानेंद्र त्यागी ने बताया कि वझीलपुर में हर साल माघ मास की शुक्ल दूज को यह मेला लगता है। बाबा बूढे को मनाने के लिए गांव तथा आसपास के सैकड़ों परिवारों को सदस्य आते हैं। बताया कि इस दौरान बाबा की पूजा करने तथा जोहड़ में आटा, गुड़ और पैसे चढाने तथा मन्नत मांगने के साथही तालाब के पानी से हाथ-पैर धोने से चर्म रोग खत्म हो जाता है।
बता दे कि बूढे बाबा की दूज पर पूजा करने पर और वहा के तालाब की मट्टी लगाने से चर्म रोग जैसी गंभीर बिमारी ठीक हो जाती है । मेले में सजी खेल खिलौने की दुकानों से बच्चों ने खरीदारी के साथ साथ बच्चों ने चाट पकौडी व झूलों का आन्नद भी उठाया।
दंगल का होता है आयोजन::
बूढे बाबा के दूज मेले पर ग्रामीण अंचल में दंगल का आयोजन होता है। जिसमें जीतने वाले पहलवान को बड़ा इनाम दिया जाता है। जिसके चलते वझीलपुर तथा जनुपुरा में कुश्ती कराई गई।
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