नगर पालिका स्तर से हो रही लापरवाही, एडीएम ने व्यवस्था परख दिए निर्देश
Hapur News - -निराश्रित और बाहरी राज्यों के गंगाभक्तों की छूट रही कंपकंपीगंगाभक्तों की छूट रही कंपकंपी -अलाव जलाने की व्यवस्था साबित हो रही महज औपचारिकता -रेन बसेर
पालिका की व्यवस्था उपयुक्त होने के कारण गरीब निराश्रित और दया दान के सहारे गुजर बसर करने वालों को कंपकंपी छुड़ा रही सर्दी का प्रकोप झेलते हुए खुले आकाश के नीचे रात बिताने को मजबूर होना पड़ रहा है। मुक्ति धाम के रूप में विख्यात ब्रजघाट गंगानगरी में प्रतिदिन दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत पश्चिमी यूपी के दूरस्थ जनपदों के हजारों श्रद्धालुओं का आगमन होता है। जो गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही दिवंगतों की अस्थि विसर्जन, बच्चों के मुंडन जैसे विभिन्न अनुष्ठान संपन्न करते हैं। अधिकांश श्रद्धालुओं का आगमन देर रात को ही गंगानगरी में हो जाता है। इसके अलावा श्रद्धालुओं की दया दान के सहारे अपनी गुजर बसर करने वाले सैकड़ों भिखारी भी गंगानगरी में रहते हैं। इन दिनों चल रहा हाथ पैर सुन्न करने वाली सर्दी के प्रकोप का सर्वाधिक खामियाजा गरीब निराश्रितों के साथ ही भिखारियों को झेलना पड़ रहा है। शासन की हिदायत पर पालिका द्वारा रैन बसेरे की सुविधा तो चलाई जा रही है, परंतु अपेक्षित स्तर पर स्थान मुहैया न होने के साथ ही जन सुविधा न मिलने से उन्हें कंपकंपी छुड़ा रही सर्दी के इस मौसम में खुले आकाश के नीचे रात बिताने को मजबूर होना पड़ रहा है। आरती स्थल के आसपास समेत कई स्थानों पर दिन ढलते ही गरीब निराश्रितों समेत भिखारी कंबल तानकर खुले आकाश के नीचे सोते हुए देखे जा सकते हैं। परंतु पालिका स्तर से उन्हें रैन बसेरे में पहुंचाने के लिएकोई भी कवायद किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। पूछे जाने पर भिखारियों ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया कि रैन बसेरे में ठहराव के लिए उपयुक्त स्थान न होने के साथ ही जरूरी सुविधा भी नहीं मिल पा रही हैं।
--शायद शासन की हिदायतों की भी अधिकारियों को नहीं है कोई परवाह
सीएम योगी ने सर्दी का मौसम प्रारंभ होते ही नगरीय क्षेत्र में रैन बसेरों के साथ ही सार्वजनिक स्थान पर अलाव जलवाने की व्यवस्था चालू कराने को कड़ी हिदायत दी हुई है। इसके अलावा सडक़ों के किनारे खुले आकाश के नीचे सोने वालों को रैन बसेरों में पहुंचाने का निर्देश भी दिया हुआ है। परंतु रैन बसेरे चलने के बाद भी सडक़ों के किनारे खुले आकाश के नीचे सोने वालों की तादाद नहीं घट पा रही है। सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था भी जरूरत के अनुसार संभव नहीं हो पा रही है, जिससे गरीब निराश्रित और भिखारियों समेत बाहरी राज्यों से आने वाले गंगा भक्तों की खूब कंपकंपी छूट रही है। विनोद कुमार, राजू सिंह, महेंद्र शर्मा का कहना है कि अलाव जलाने और रैन बसेरे की व्यवस्था में खामी दूर न होने का खामियाजा गरीब निराश्रित और भिखारियों समेत गंगा भक्तों को झेलना पड़ रहा है। ईओ मुक्ता सिंह का कहना है कि चयनित सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाए जा रहे हैं। रैन बसेरों में सभी जरूरी सुविधा मुहैया होने के बाद भी सडक़ों के किनारे खुले में सोने वालों को जागरूक कर रैन बसेरों में पहुंचाने का अभियान भी चलाया जाएगा।
--एडीएम ने रैन बसेरों का औचक निरीक्षण कर कंबल वितरित किए
एडीएम संदीप कुमार सिंह ने मंगलवार की रात को एसडीएम साक्षी शर्मा और तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह के साथ ब्रजघाट गंगानगरी का दौरा कर पालिका स्तर से चलाए जा रहे रैन बसेरों का औचक ढंग में निरीक्षण किया। रैन बसेरों में मुहैया हो रहीं सुविधाओं का जायजा लेते हुए कोई भी खामी बाकी न रहने को लेकर कड़ी हिदायत भी दी गई। इस दौरान गरीब निराश्रित और भिखारियों को ठंड से बचाव के लिए कंबल भी वितरित किए गए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।