चकबंदी लेखपाल को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते दबोचा
Hapur News - हापुड़ में एंटी करप्शन टीम ने चकबंदी विभाग के लेखपाल को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। शिकायत के आधार पर टीम ने जाल बिछाया था। लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां...

हापुड़। मेरठ सेक्टर की एंटी करप्शन की टीम ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय से दस हजार की रिश्वत लेते चकबंदी विभाग के लेखपाल को रंगे हाथ दबोच लिया। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर काकौड़ी निवासी युवक ने एंटी करप्शन से लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। जिसके बाद लेखपाल की गिरफ्तारी के लिए टीम ने जाल बिछाया था। लेखपाल के खिलाफ थाना हापुड़ देहात मुकदमा दर्ज कराया गया है। लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद उसने तबीयत बिगड़ने का हवाला दिया। जिसके बाद उसे सीएचसी ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उसके स्वास्थ्य की जांच की। जांच करकार टीम ने लेखपाल को हिरासत में ले लिया। अस्पताल में लेखपाल अपना मुंह छुपाते दिखा। उधर, एंटी करप्शन की इस कार्रवाई के बाद जिलेभर के सरकारी कर्मचारियों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर काकौड़ी के वंश चौधरी ने एंटी करप्शन में शिकायत करते हुए बताया था उनका गांव चकबंदी में है। उनके पिता चार भाई थे। जिनमें से एक भाई की मृत्यु हो चुकी है और वह अवविवाहित थे। उनके हिस्से की जमीन अन्य तीनों भाईयों के नाम होनी थी। इसके लिए उन्होंने चकबंदी लेखपाल मेरठ के नई मोहनपुरी निवासी नरेंद्र कुमार गौड़ से संपर्क किया। लेखपाल ने तीनों भाईयों के नाम जमीन चढ़ाने की एवज में 15 हजार रुपयों की रिश्वत मांगी। इसके बाद पीड़ित व लेखपाल के बीच दस हजार रुपये की रिश्वत तय हुई।
वंश चौधरी से शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल को रंगेहाथ दबोचने के लिए जाल बिछाया। टीम ने जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा से इंस संबंध में जानकारी देते हुए दो सरकारी गवाह लिए। टीम द्वारा बनाई गई योजना के अनुसार वंश चौधरी रिश्वत के रुपये देने के लिए लेखपाल से जिला मुख्यालय में मिलने का समय लिया। शनिवार सुबह एंटी करप्शन की टीम निरीक्षक मयंक कुमार अरोड़ा के नेतृत्व में निरीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह, किशन अवतार, कैलाश चंद, अर्चना आदि जिला मुख्यालय पर पहुंचे। वंश चौधरी भी लेखपाल से मिलने के लिए जिला मुख्यालय पहुंच गए। टीम भी वंश पर नजरे जमाए उसके ईद-गिर्द ही रही। इसी बीच लेखपाल नरेंद्र कुमार गौड़ भी वहां पहुंचे। जैसी लेखपाल के हाथ में वंश ने रिश्वत के रुपये थमाये। वैसे ही टीम मौके पर पहुंच गई और उसे दबोच लिया। एंटी करप्शन की टीम की कार्रवाई की जानकारी जिला मुख्यालय में तैनात अन्य कर्मचारियों को हुई तो उनमें अफरा-तफरी मच गई।
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अफसरों का नहीं था लेखपाल को डर
जिला मुख्यालय पर जहां डीएम, एडीएम समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय हैं। वहीं चकबंदी विभाग का भी कार्यालय है। लेखपाल को अधिकारियों का कोई डर नहीं था इस कारण उसने रिश्वत के पैसे लेने के लिए पीड़ित को कलेक्ट्रेट में ही बुला लिया।लेकिन एंटी करप्शन टीम द्वारा बिछाए हुए जाल में वह फंस गया।
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सीएचसी में कराई लेखपाल के स्वास्थ्य की जांच
टीम ने लेखपाल को दबोचा और उसे थाने ले जाने लगी तो लेखपाल ने टीम को बताया कि उसकी तबीयत खराब हो रही है। आनन फानन में टीम उसे लेकर गढ़ रोड़ स्थित सीएचसी लेकर पहुंची। जहां लेखपाल की चिकित्सकीय जांच की गई। जहां उसकी जांच कराई गई। चिकित्सक ने स्वास्थ्य परीक्षण के बाद बताया कि वह सही है। इस पर टीम ने राहत की सास ली। अस्पताल में लेखपाल ने दोनों हाथों से अपना चेहरा ढक लिया। जिसके बाद टीम लेखपाल को लेकर थाना देहात पहुंची।
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- लेखपाल की गिरफ्तारी की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। थाने में काफी संख्या में चकबंदी विभाग के लेखपाल व अन्य कर्मचारी भी पहुंच गए थे। ।
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बोले जिम्मेदार-
- टीम को चकबंदी विभाग में तैनात लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद टीम ने कार्रवाई की है। लेखपाल के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मंयक कुमार अरोड़ा, निरीक्षक, एंटी करप्शन मेरठ
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