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अखिल भारतीय जाट जनजागृति संगठन ने महाराजा सूरजमल का मनाया बलिदान दिवस

Hapur News - अखिल भारतीय जाट जनजागृति संगठन ने महाराजा सूरजमल का 317वां बलिदान दिवस मनाने के लिए विचार गोष्ठी का आयोजन किया। मनोज तेवतिया ने बताया कि महाराजा सूरजमल ने 80 युद्ध लड़े और सभी में विजय प्राप्त की।...

Newswrap हिन्दुस्तान, हापुड़Wed, 25 Dec 2024 11:56 PM
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अखिल भारतीय जाट जनजागृति संगठन के चंडी रोड स्थित रामकिशन मार्केट कैंप कार्यालय पर महाराजा सूरजमल का 317वां बलिदान दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। संगठन से जुड़े लोगों ने अपने विचार रखे व बलिदान दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया। राष्ट्रीय जाट संरक्षण समिति के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय युवा प्रभारी मनोज तेवतिया ने महाराजा सूरजमल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महाराजा सूरजमल का जन्म 13 फरवरी 1707 में हुआ था। उनके पिता का नाम राजा बदन सिंह था। महाराजा सूरजमल कुशल प्रशासक, दूरदर्शी व कूटनीति के धनी सम्राट थे। महाराजा सूरजमल ने सन 1733 में भरतपुर रियासत की स्थापना की और भरतपुर के डींग में अभेद लोहागढ़ किले का निर्माण करवाया, जिसे मुगल शासक व ब्रिटिश द्वारा 13 बार आक्रमण करने के बाद भी किले को भेद नहीं पाए।

यह देश का एकमात्र किला है जो हमेशा अभेद रहा महराजा सूरजमल ने अपने जीवन काल में 80 युद्ध लड़े और सभी में विजय प्राप्त की। सूरजमल की वजह से भरतपुर के अतिरिक्त धौलपुर, आगरा, मैनपुरी, अलीगढ़, हाथरस, इटावा, मेरठ , रोहतक, मेवात, मथुरा तक पहुंच गया था अपने जीवनकाल में वह कभी कोई युद्ध नही हारे और अंत में हर महान योद्धा की तरह महाराजा सूरजमल को भी वीरगति का सुख समर भूमि में प्राप्त हुआ।

इस मौके पर मनोज तेवतिया, सुनील चौधरी, संजय, गोरी शंकर, बोबी, कुलवंत, अभिषेक, निष्कर्ष, संजू, रिंकू आदि शामिल रहे।

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