Hindustan Special: यूपी के इस मंदिर में है मूंछ वाले हनुमान की मूर्ति, दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त
बरेली में एक ऐसा मंदिर है जहां मूंछों वाले हनुमान जी की पूजा होती है। इस मंदिर की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में 1935 में हुई थी। हालांकि हनुमान का मूंछों वाला स्वरूप कम ही नजर आता है।
श्री राम भक्त हनुमान के कई मंदिर हैं, जिनमें उनकी विभिन्न रूपों में पूजा की जाती है। बरेली में एक ऐसा मंदिर है जहां मूंछों वाले हनुमान जी की पूजा होती है। इस मंदिर की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में 1935 में हुई थी। हनुमान जी का मूंछों वाला स्वरूप कम ही नजर आता है। उत्तर प्रदेश में बरेली के अलावा अलीगढ़ के महावीरगंज में भी ऐसी प्रतिमा है।
बरेली शहर के बीचों-बीच मलूकपुर में 1935 में मिश्री लाल वैश्य के बेटे कल्लूमल ने इस मंदिर की स्थापना कराई थी। बताया जाता है कि उन्होंने राजस्थान के सालासर बालाजी मंदिर से प्रभावित होकर यह प्रतिमा बनवाई थी। सालासर में दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी की पूजा होती है। लेकिन बरेली में केवल मूंछ वाले हनुमान जी की प्रतिमा प्रतिष्ठित है। ऐसी ही एक प्रतिमा अलीगढ़ के महावीरगंज में भी है।
मूछों वाले हनुमान जी मंदिर के पुजारी सुरेश चंद्र ने बताया कि वे यहां काफी लंबे समय से हनुमान जी की सेवा करते आ रहे हैं। उससे पहले उनके पिता यहां सेवारत थे। उन्होंने दावा किया कि जो भक्त यहां सच्ची श्रद्धा से अपनी अर्जी लगता है, उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं।
मंगलवार और शनिवार को लगती है भीड़
मूंछ वाले हनुमान जी के दर्शन करने को बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंगलवार व शनिवार को पहुंचते हैं। हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करने के साथ ही उन्हें प्रसाद चढ़ाते हैं। मंदिर के पुजारी के मुताबिक लगातार सात मंगलवार व शनिवार को इस मंदिर में भगवान के दर्शन करने व चोला चढ़ाने से मानसिक शांति मिलती है। भगवान भौतिक सुख का आशीष भी देते हैं।