उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी के नाम मनरेगा से भुगतान
0 जांच में खुलासे के बाद भुगतान की गई धनराशि की हुई रिकवरी0 अभिलेखों में वर्ष 2022 में अलग-अलग माह में कैदी से काम लेना दर्शाया 0 मौदहा ब्लाक के गुरद
हमीरपुर, संवाददाता। हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी का बैंक खाता और जॉब कार्ड लगाकर उसके बेटे ने मनरेगा योजना में खूब फावड़ा भांजा। पिता के बैंक खाते में मजदूरी का भुगतान भी हुआ, जो विभागीय अभिलेखों में दर्ज है। मामले की शिकायत पर हुई जांच में जब खुलासा हुआ तो दी गई मजदूरी की रिकवरी की गई। हालांकि इस पूरे खेल में शामिल तत्कालीन सचिव और प्रधान को क्लीनचिट दे दी गई है।
मामला मौदहा ब्लाक के गुरदहा गांव का है। गांव के देवराज कोरी ने दो जुलाई को डीएम से मामले की शिकायत की थी। देवराज ने बताया कि गांव निवासी रमजान खान के विरुद्ध 2018 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वर्ष 2023 में रमजान को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
गिरफ्तारी के बाद रमजान को जमानत नहीं मिली लेकिन 2022 के अलग-अलग महीनों में रमजान के नाम पर मनरेगा योजना में काम चढ़ाने के साथ ही भुगतान भी किया गया। मस्टररोल में रमजान से कभी 14 तो कभी 13 दिन काम लेना दर्शाया गया है। करीब 17 हजार रुपये के आसपास मजदूरी का भुगतान हुआ।
डीसी मनरेगा राघवेंद्र सिंह ने बताया कि शिकायत के बाद उन्होंने मामले की जांच की। रमजान की पहली पत्नी के बालिग पुत्र ने मनरेगा योजना में काम किया था। इसके पास न तो जॉब कार्ड था और न ही बैंक खाता। इसने बैंक खाता और जॉब कार्ड अपने पिता का लगा दिया था, जो जेल में बंद है। इसी बैंक खाते में 17 हजार रुपये की मजदूरी का भुगतान किया गया था। जांच में मामला सही पाए जाने पर भुगतान की गई धनराशि की रिकवरी की गई है लेकिन जब उनसे पूछा गया कि इस पूरी धांधली में सचिव और ग्राम प्रधान पर क्या कार्रवाई की जाएगी, तो उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया।
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