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हमीरपुर में मौरंग खनन की जांच करने पहुंची टीम को मिली गड़बड़ियां

हमीरपुर के इछौरा जिटकिरी में मौरंग खंड संख्या 25/21 की जांच में खनन क्षेत्र में कई गड़बड़ियां मिलीं। डीएम के आदेश पर एडीएम विजय शंकर तिवारी की अगुवाई में टीम ने जांच की। वायरल वीडियो में प्रतिबंधित...

Newswrap हिन्दुस्तान, हमीरपुरSat, 23 Nov 2024 09:52 AM
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हमीरपुर। सरीला तहसील के ग्राम इछौरा जिटकिरी के मौरंग खंड संख्या 25/21 की जांच करने पहुंची टीम को खनन क्षेत्र में तमाम गड़बड़ियां मिली हैं। जिन्हें मौके पर दुरुस्त कराया गया है। बता दें कि शुक्रवार को इस खनन क्षेत्र में प्रतिबंधित पोकलैंड मशीनों से मौरंग खनन का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसके बाद डीएम के आदेश पर एडीएम (वित्त एवं राजस्व) की अगुवाई में टीम ने मौके पर जांच-पड़ताल की थी। खान अधिकारी वशिष्ठ यादव के अनुसार सरीला के इछौरा जिटकिरी का मौरंग खंड संख्या 25/21 मेसर्स डिजीयाना इंडस्ट्रीज इंदौर के पक्ष में स्वीकृत खनन क्षेत्र है। कल इसी क्षेत्र का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसमें प्रतिबंधित मशीनों से नदी की जलधारा से मौरंग खनन का हवाला दिया गया था।

वायरल वीडियो के बाद डीएम ने दिए थे जांच के आदेश

वायरल वीडियो के बाद डीएम के आदेश पर एडीएम (वित्त/राजस्व) विजय शंकर तिवारी की अगुवाई में एसडीएम सरीला, खान अधिकारी वशिष्ठ यादव, क्षेत्रीय वनाधिकारी सरीला ने राजस्व व पुलिस टीम के साथ खनन क्षेत्र की जांच की।

वायरल वीडियो में दिखी प्रतिबंधित मशीनें, मौके पर नहीं मिली

टीम के अनुसार जांच के समय खनन कार्य अपनी स्वीकृत क्षेत्र के अन्तर्गत पाया गया। पट्टाधारक द्वारा जिस स्थान पर खनन कार्य किया जा रहा था, उस स्थान से पूरब की तरफ लगभग 266 मीटर व पश्चिम की तरफ लगभग 250 मीटर तथा उत्तर की तरफ 180 मीटर खनन क्षेत्र रिक्त पड़ा था, जोकि खंड सं.-25/21 का आवंटित क्षेत्र है। क्षेत्रीय वनाधिकारी, सरीला एवं उनकी टीम ने खनन क्षेत्र से वन क्षेत्र की दूरी मापी, जो लगभग 1.5 किलोमीटर की पाई गई। टीम को नदी की मुख्य धारा प्रवाहित होती हुई मिली। मुख्य धारा में कहीं भी खनन कार्य होना नहीं पाया गया व न ही खनन क्षेत्र में कोई प्रतिबंधित मशीन मिली। जबकि वायरल वीडियो में कई मशीनें दिख रही थी।

बगैर सीमा स्तंभों के हो रहा था खनन

टीम ने बताया कि पट्टाधारक द्वारा अपने खनन क्षेत्र के चारों सीमा स्तंभों को नहीं लगाया गया था, जिसे मौके पर ही लगवा दिया गया। स्वीकृत क्षेत्र में नियमानुसार पीटी जेड कैमरा लगाया जाना चाहिए था, जो नहीं मिले।

वाहनों को कवर करने वाले कैमरे का फोकस नीचे

खनन क्षेत्र के लिए स्थापित बेब्रिज व सीसीटीवी कैमरे की जांच में सभी कैमरे सही पाए गए। एक कैमरा जो बेब्रिज पर खडे़ वाहन के पीछे की तरफ से फोटो ले रहा था, उस कैमरे का फोकस नीचे की तरफ था, जिससे कि वाहन पर भरे उपखनिज का पूरा फोटो नहीं आ रहा था, जिसे मौके पर ही सही करा दिया गया। निर्देशित किया गया कि भविष्य में सभी कैमरों के सही तरीके से स्थापित करें ताकि वाहनों के आगे व पीछे का फोटो मय उपखनिज स्पष्ट रूप से नजर आता रहे।

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