दीनी और दुनियावी तालीम हासिल करना जरूरी
हमीरपुर, संवाददाता। स्थानीय बगिया वाली मस्जिद के मकतब कलीमुल उलूम में बुधवार की रात
हमीरपुर, संवाददाता। स्थानीय बगिया वाली मस्जिद के मकतब कलीमुल उलूम में बुधवार की रात एक दिवसीय जलसा सीरतुन्नबी का आयोजन किया गया।
जलसे में मौदहा के शेख अब्दुल कादिर जीलानी मदरसा के संस्थापक हजरत मौलाना मोहम्मद हाशिम ने तालीम ले रहे बच्चों और मौजूद तमाल लोगों से खिताब करते हुए कहा कि हम सब आखिरी नबी मोहम्मद साहब के उम्मती हैं और पूरी दुनिया के इंसान एक अल्लाह के बंदे हैं, इसलिए हमें सीरतुन्नबी कुरान, हदीस व सहाबियों की जिंदगी को अपने लिए उदाहरण बनाना है। हर किसी से प्यार, खुलूस, भाईचारा, मोहब्बत और सहृदयता से पेश आना हमारी पहचान होना चाहिए। दीनी और दुनियावी दोनों तालीम हासिल करना और औरों को भी इस पर अमल पैरा होने के लिए कहना वक्त और हालात की जरुरत है। खासतौर से अपने पड़ोसी का ध्यान रखना चाहिए, चाहे वो किसी भी मजहब, आस्था व पंथ का मानने वाला ही क्यों न हो।
देर रात तक चले इस कार्यक्रम में शामिल लगभग 21 बच्चों ने कुरान की तिलावत, पैगंबर साहब के कुनबे की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लिया। सभी बच्चों को इनाम से नवाजा गया। विशेष कर बुशरा नाज पुत्री रईस आलम, अदीबा पुत्री निजाम, अरईया, अनईया सिद्दीकी पुत्री असलम, आफताब, आयशा आदि कार्यक्रमों में शामिल हुई। जलसे में आए मेहमानों में मुकामी लोगो के अलावा मोहम्मद हातिम, हाफिज महमूद पेशइमाम बगिया मजिस्द, कारी मोहम्मद आफताब, आरिफ, यूनूस, अबरार राईन शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन मुफ्ती मोहम्मद हातिम मजहरी ने किया।
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