Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़हमीरपुरFarmers Struggle with DAP Fertilizer Shortage Amidst Rising Prices

सहकारी समितियों के साथ बाजार से भी गायब हुई डीएपी

भरुआ सुमेरपुर, संवाददाता। सहकारी समितियां के साथ बाजार से डीएपी खाद गायब होने से

Newswrap हिन्दुस्तान, हमीरपुरWed, 20 Nov 2024 05:48 PM
share Share

भरुआ सुमेरपुर, संवाददाता। सहकारी समितियां के साथ बाजार से डीएपी खाद गायब होने से किसान मजबूर होकर घटिया खाद खरीद कर फसलें बोने को विवश हो रहा है। जिला कृषि अधिकारी ने बयान जारी करके 22 नवंबर को महोबा में रैक लगने की बात कही है। इसके बाद ही वितरण के लिए सहकारी समितियां में डीएपी उपलब्ध होगी।

सरकारी समिति में पिछले एक पखवारे से डीएपी खाद नहीं है। अब सहकारी समितियों के साथ बाजार में भी डीएपी गायब है। बुधवार को दिन कस्बे की साप्ताहिक बाजार का दिन होता है। सुबह से बाजार में किसानों की भीड़ थी। इस दौरान की गई पड़ताल के बाद मालूम हुआ कि डीएपी समितियां के साथ बाजार से भी गायब है। बाजार में कुछ घटिया तरह की खाद है। जिसको दुकानदार डीएपी बता कर किसानों को महंगे दामों में थमा रहे हैं।

वहीं जिला कृषि अधिकारी डॉ.हरिशंकर ने विज्ञप्ति जारी करके अवगत कराया है कि 22 नवंबर को महोबा में रैक लगने जा रही है। उसके बाद सहकारी समितियां में वितरण के लिए डीएपी उपलब्ध हो सकेगी। किसान सुरेश कुमार, उदयभान यादव, परशुराम, मानसिंह भदौरिया, इंद्रपाल सिंह यादव, नवीन यादव, फूल सिंह यादव आदि ने बताया कि डीएपी न मिलने से गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है। साथ ही पलेवा करके तैयार किए गए खेत भी खराब हो रहे है। इससे किसान परेशान है।

खुले बाजार में डीएपी के रेट बढ़े, किसान परेशान

कुरारा। क्षेत्र की सरकारी संस्थाओं से खाद नदारत होने के कारण निजी खाद विक्रेता किसानों से मनमानी दाम वसूल रहे है। क्षेत्र में हजारों एकड़ खेती अभी बुवाई के लिए पड़ी है। लेकिन खाद की पूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे किसान परेशान है। क्षेत्र में प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर किसानों को खाद बीज उपलब्ध कराए जाने के लिए साधन सहकारी समितियां संचालित है। इसके अतिरिक्त पीसीएफ कृषक सेवा केंद्र तथा सहकारी संघ संस्था के माध्यम से किसानों को खाद की आपूर्ति की जाती है। लेकिन दो सप्ताह से इन सरकारी संस्थाओं से डीएपी खाद न मिलने से किसानों की फसल बुवाई का कार्य पिछड़ रहा है। क्षेत्र के रिठारी गांव निवासी किसान रामनरेश, चकोठी गांव के मंगल सिंह, डामर गांव के बद्री सिंह आदि किसानों ने बताया कि खाद की किल्लत को देखते हुए निजी खाद विक्रेता डीएपी खाद की बोरी 1800 रुपया में बेच रहे हैं। जबकि सरकारी दर एक बोरी 1350 रुपया की मिलती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें