कार्यदायी संस्था ने झाड़ा पल्ला, रेलवे कर्मियों पर मढ़ा दोष
0 प्रशासनिक अफसरों, आरपीएफ और जीआरपी ने किया निरीक्षण0 संस्था का दावा 17 जुलाई को कार्य पूर्ण कर रेलवे को किया था हैंडओवर फोटो- 04 एचएमपी 01 जेपीजी- श
भरुआ सुमेरपुर, संवाददाता। कस्बे के प्लेटफार्म संख्या तीन में कानपुर से मानिकपुर जाते समय मेमू ट्रेन की लाइन में लकड़ी के गुटके रखें होने के मामले में कार्यदायी संस्था केपीटीएल ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनका कोई कार्य नहीं चल रहा था। उनका कार्य पूर्ण है और वह बीते 17 जुलाई को रेलवे को कार्य पूर्ण करके हैंडओवर कर चुके हैं। वहीं रेलवे के अवर अभियंता सहित अन्य जिम्मेदार अभी भी संस्था को ही जिम्मेदार बताते हुए मुकदमा दर्ज करने की बात कह रहे हैं। वहीं प्रशासन ने मौका मुआयना करके किसी भी साजिश से साफ इनकार किया है। लोको पायलट के मैसेज से स्टेशन स्टाफ में मचा हड़कंप
शुक्रवार को सुबह 8.30 बजे कानपुर से मानिकपुर जा रही मेमू ट्रेन कस्बे के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर तीन में डिरेल होते-होते बची। लोको पायलट ने रेलवे पटरी पर लकड़ी के बड़े-बड़े गुटके देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को प्लेटफार्म से पहले रोका और वॉकी-टॉकी से सहायक स्टेशन मास्टर को सूचित किया। इससे स्टेशन में मौजूद रेलवे कर्मियों में हड़कंप मच गया। सहायक स्टेशन मास्टर उल्लास श्रीवास्तव अन्य कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और रेलवे पटरी पर पड़े लकड़ी के गुटकों को हटवाकर ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया।
प्रशासनिक अधिकारी भी आनन-फानन स्टेशन पहुंचे
इस खबर के मीडिया में आते ही आरपीएफ, जीआरपी के अलावा प्रशासन में हड़कंप मच गया। आरपीएफ घाटमपुर चौकी इंचार्ज राजकुमार, कांस्टेबल सुभाषचंद्र के साथ मौके पर आए। इसी तरह एसडीएम सदर पवन प्रकाश पाठक, सीओ सदर राजेश कमल, सीओ फायर रेहान एवं थानाध्यक्ष राकेश कुमार के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण करके सहायक स्टेशन मास्टर से पूछताछ की।
पटरी को खिसकने से रोकने को लगाए थे गुटके, लेकिन तरीका गलत
सीओ फायर रेहान ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर तीन में नया रेल ट्रैक बनाया गया है। पटरी खिसकने न पाए इस वजह से लकड़ी के गुटके लगाए गए है, लेकिन लगाने का तरीका सही नहीं था। घटना की जांच रेलवे की टीम कर रही है। वहीं सहायक स्टेशन मास्टर ने सीओ सदर को इसी तरह की बात बताते हुए कहा कि रेलवे ट्रैक में इस तरह के गुटके लगाए जाते हैं। लेकिन जिस तरह से यहां लगे थे, वह खतरनाक थे। रेलवे के अवर अभियंता उपेंद्र कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला कार्यदायी संस्था केपीटीएल के कर्मियों की लापरवाही का है, जांच की जा रही है। जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। बांदा से आए जीआरपी थानाध्यक्ष नावेंद्र शेखर अग्निहोत्री ने जांच के बाद कहा कि अगर तहरीर मिलेगी तो मुकदमा दर्ज करके दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
इंटेलीजेंस ने आतंकी साजिश को नकारा
भरुआ सुमेरपुर। रेलवे ट्रैक पर लकड़ी के गुटके पाए जाने के बाद मुख्यालय से आई इंटेलीजेंस की टीम ने रेलवे स्टेशन का चप्पा-चप्पा छाना और रेलवे कर्मियों से जानकारी लेने के बाद किसी आतंकी साजिश से इनकार करते हुए कहा कि यह मानवीय भूल है। रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजी जा रही है। कस्बे के प्लेटफार्म संख्या तीन में कानपुर-मानिकपुर मेमू ट्रेन के डिरेल होते-होते बचने की खबर पाकर मुख्यालय से इंटेलीजेंस की टीम रेलवे स्टेशन पहुंची और प्लेटफार्म तीन का चप्पा-चप्पा खंगालकर रेलवे कर्मियों से वार्ता करके स्पष्ट किया है कि यह आतंकी घटना नहीं है। यह रेलवे कर्मियों की लापरवाही का नतीजा है। जिन्होंने कार्य के दौरान लकड़ी के गुटकों को रेलवे ट्रैक पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजी जा रही है।
आखिर जिम्मेदार कौन, किस पर तय होगी जवाबदेही
भरुआ सुमेरपुर। प्लेटफार्म संख्या तीन में रेलवे ट्रैक पर खतरनाक ढंग से रखें मिले लकड़ी के गुटके के मामले में अभी तक जवाबदेही तय नहीं हो सकी है। रेलवे ट्रैक का निर्माण करा रही कार्यदायी संस्था केपीटीएल ने पल्ला झाड़ लिया है। रेलवे के तकनीकी अभियंता कार्यदायी संस्था को जिम्मेदार बता रहे हैं लेकिन खबर भेजे जाने तक यह तय नहीं हो पा रहा था कि इसका जिम्मेदार कौन है। रेलवे के तकनीकी अभियंता उपेंद्र कुमार केपीटीएल को इसके लिए जिम्मेदार बताकर कार्यवाही की बात कह रहे हैं। लेकिन मुकदमा कहां दर्ज होगा यह स्पष्ट नहीं है।
उनकी संस्था ने कार्य पूर्ण कराकर 17 जुलाई को रेलवे को हैंडओवर कर दिया था। इस घटना के लिए उनकी संस्था जिम्मेदार नहीं है।
प्रदीप कुमार, मैनेजर, केपीटीएल।
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