टेलकम पाउडर, रिफाइंड एवं दूध पाउडर से तैयार होता है नकली खोया
हमीरपुर। हिन्दुस्तान संवाद दूध पाउडर, टेलकम पाउडर, चूना, चाक, शकरकंद, सिंघाड़े का...
हमीरपुर। हिन्दुस्तान संवाद
दूध पाउडर, टेलकम पाउडर, चूना, चाक, शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, स्टार्च आलू, सफेद केमिकल आदि से नकली खोवा तैयार करके कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। नकली खोया कानपुर, घाटमपुर, जहानाबाद, नौरंगा, बिंदकी, अमौली आदि जगहों से यहां लाकर खपाया जाता है। वैसे खोया यहां भी बहुतायत में तैयार होता है लेकिन इसमे मिलावट कम ही होती है।
होली पर्व के नजदीक आते ही कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खोया (मावा) की डिमांड अचानक बढ़ जाती है। मांग के अनुरूप आपूर्ति न होने पर दुकानदार असली की जगह नकली खोवा (मावा) बेचने लगते हैं। नकली खोवा जिले के बाहर से मंगाकर यहां खपाया जाता है। अरसे से खोया का कारोबार कर रहे एक व्यापारी ने पहचान छुपाने की शर्त पर बताया कि नकली खोया कानपुर, घाटमपुर, जहानाबाद, नौरंगा, बिंदकी, अमौली आदि जगहों पर तैयार होता है। नकली खोवा तैयार करने के लिए दूध पाउडर, रिफाइंड, शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, टेलकम पाउडर, सालिड मिल्क, चूना, चाक, सफेद केमिकल आदि चीजें मिलाकर तैयार किया जाताा है। वजन बढ़ाने के लिए स्टार्च आलू आदि मिलाया जाता है। सुगंध पैदा करने वाला इतर भी प्रयोग किया जाता है। ताकि खोवा सूंघने में असली लगे।
कस्बे के एक दुकानदार ने बताया कि यहां पर प्रतिदिन 1 से 2 कुंतल खोए की खपत होती है। ज्यादातर खोवा बाहर से ही लाया जाता है। गर्मी का सीजन शुरू होते ही दूध की आवक जहां कम हो जाती है। वही दूध के दाम भी बढ़ जाते हैं। इससे खोया तैयार करने की लागत बढ़ जाती है। 1 लीटर शुद्ध दूध में ढाई सौ ग्राम खोया तैयार हो पाता है। इस प्रकार चार लीटर दूध में 1 किलो खोवा तैयार होता है। शुद्ध दूध की कीमत 60 रुपये प्रति लीटर है। चार लीटर दूध की कीमत 240 रुपए होती है। ईधन के साथ मजदूरी अगर जोड़ दी जाये तो 1 किलो खोया करीब 300 रुपये में तैयार होता है। मौजूदा समय में खोया की कीमत 240 रुपये प्रति किलो स लेकर 260 रुपये के मध्य है।
क्षेत्र में खोए का कारोबार चंद्रपुरवा बुजुर्ग, परेहटा, छानी, पौथिया के साथ कस्बे के स्टेशन मार्ग के आस पास होता है। मांग बढ़ने पर सभी कारोबारी मिलावट का माल खपाने में जरा भी गुरेज नहीं करते है। गत वर्ष कस्बे क एक होटल व्यापारी ने इंगोहटा गांव में कई कुंतल नकली खोया, पनीर आदि सप्लाई कर दिया था। पहचान होने पर काफी बवाल हुआ था। बाद में किसी तरह अनुनय विनय के बाद मामला ठंडा हुआ था। इंगोहटा में शादी समारोह के लिये माल की सप्लाई की गई थी।
दुकानदार ने बताया कि चंद्रपुरवा बुजुर्ग, परेहटा, पौथिया, कुंडौरा आदि जगहों से आने वाले माल में शुद्धता की काफी हद तक गारंटी रहती है। इसके अलावा अन्य जगह से आने वाले माल की शुद्धता में कोई गारंटी नहीं होती है। माल एकाध दिन पुराने होने पर यह कम रेट में ही थमा देते हैं जबकि असली माल बेचने वाले लोग ऐसा कदापि नहीं करते हैं। नकली माल की खपत कस्बे के बड़े कारोबारियों के द्वारा होती है। छोटा दुकानदार आज भी ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले किसानों के माल अथवा खुद दूध से तैयार करने वाले माल के सहारे ही रहता है।
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