पूर्वांचलवासी जान सकेंगे भगत सिंह के गुरु शचींद्रनाथ सान्याल की कहानियां
- पर्यटन विभाग ने सान्याल के घर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया
गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। काकोरी कांड के साजिशकर्ता और भगत सिंह के गुरु शचींद्रनाथ सान्याल की कहानियां, उनकी जीवनी पूर्वांचलवासी जान सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर पर्यटन विभाग ने 2.63 करोड़ की लागत से उनकी कर्मस्थली को विकसित करते हुए वहां पर लाइब्रेरी, हॉल और उनकी मूर्ति लगा रही है। इसका 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दिसंबर में मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन कर सकते हैं।
कैंट थाना के पीछे दाउदपुर में वह अपने अंतिम दिन बिताए थे। यही उनकी कर्मभूमि मानी जाती है। बताया जाता है कि उनसे मिलने उनके घर पर सुभाष चंद्र बोस से लेकर उनके शिष्य भगत सिंह और राम प्रसाद बिस्मिल आया करते थे। इतना ही नहीं काकोरी लूट कांड की योजना भी यहीं बनीं थी। इतनी बड़ी शख्सियत होने के बाद भी वह गुमनाम थे। लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर पर्यटन विभाग ने उनके कर्मस्थली को पर्यटकीय स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई। इस पर शासन 2.63 करोड़ रुपये आवंटित किए। इसके बाद काम शुरू हुआ।
कैंट थाना के पीछे भारत सेवाश्रम में एक लाइब्रेरी, हॉल, शचींद्रनाथ सान्याल की मूर्ति लगनी है। लाइब्रेरी से लेकर हॉल सहित अन्य काम पूरे हो चुके हैं। मूर्ति आ चुकी है और उसके लिए चबूतरा भी तैयार हो गया है। 15 दिनों के अंदर मूर्ति भी लग जाएगी। इसके बाद दिसंबर में इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं। शचींद्रनाथ के परिवार से जुड़ी लीना लहिड़ी ने पर्यटन विभाग के प्रयास पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले सान्याल ने अपनी जिंदगी के अंतिम दिन गोरखपुर में गुजारे। लेकिन शहर उन्हें भूला हुआ था। अच्छी बात है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उनका स्मारक शहर में बन रहा है।
शचींद्रनाथ के नाम पर बनेगा तोरण द्वार
कैंट थाना के बगल वाली गली में जाने वाले रास्ते में शचींद्रनाथ सान्याल के नाम पर तोरण द्वार भी बनाया जाएगा। इसकी तैयारी पर्यटन विभाग ने पूरी कर ली है। सड़क निर्माण की वजह से काम में थोड़ी देरी हो रही है। जल्द ही यह काम भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद से उस रास्ते का नामकरण भी उनके नाम पर हो सकता है।
शचींद्रनाथ सान्याल की कर्मभूमि को पर्यटकीय स्थल के रूप में तैयार किया जा रहा है। 90 फीसदी काम पूरा हो गया है। कैंट थाना के ठीक बगल में उनके नाम से तोरण द्वार भी बनाया जाएगा। दिसंबर में इसका उद्घाटन हो सकता है।
- रविंद्र कुमार मिश्र, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी
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