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गोरखपुर वर्कशॉप में ट्रेनों में पहली बार लगेगी व्हील बैलेंसिंग मशीन

पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर वर्कशॉप में जल्द ही एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी। यांत्रिक वर्कशॉप स्थापना के बाद पहली बार यहां व्हील बैलेंसिग मशीन लगने जा रही है। इससे एलएचबी कोच पहियों की मानक के हिसाब से...

हिन्दुस्तान टीम गोरखपुरSun, 4 Aug 2019 02:13 AM
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पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर वर्कशॉप में जल्द ही एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी। यांत्रिक वर्कशॉप स्थापना के बाद पहली बार यहां व्हील बैलेंसिग मशीन लगने जा रही है। इससे एलएचबी कोच पहियों की मानक के हिसाब से बैलेंसिंग हो सकेगी। बैलेंसिंग होने से ट्रेन संचलन के दौरान आने अक्सर आने वाली खटपट की आवाज से निजात तो मिलेगी ही, साथ ही स्प्रिंग जैसा महत्वपूर्ण हिस्सा भी सुरक्षित रहेगा।

व्हील बैलेंसिंग मशीन के अभाव में पहियों की मानक के हिसाब से बैलेंसिंग नहीं हो पाने से अक्सर खटपट की आवाज आती है। इससे कभी-कभी पहियों के पास लगी स्प्रिंग क्रेक हो जाती है। स्प्रिंग टूटने से कभी-कभी ट्रेनें बेपटरी हो जाती हैं। गोरखपुर यांत्रिक वर्कशॉप बैलेंसिंग मशीन लगाने के लिए पिछले दो वर्षों से प्रयास कर रहा था लेकिन मशीन मिलने का नम्बर अब जाकर आया है। वर्कशॉप को उम्मीद है कि सितम्बर 2019 तक मशीन वर्कशॉप पहुंच जाएगी।

सिर्फ एक कंपनी ही करती है सप्लाई : व्हील बैलेंसिंग मशीन बनाने वाले वाली पूरे देश में एक ही कंपनी है। इस मशीन की सर्वाधिक डिमांड है। जो कंपनी डब्ल्यूबीएम सप्लाई करती है वह भी विदेश से पार्ट्स मंगा यहां असेम्बल करती है। ऐसे में इसे लेकर लम्बी वेटिंग रहती है।

कहीं कम तो कहीं ज्यादा होता है पहिए का वजन

वैसे तो व्हील फैक्ट्री से बनकर निकलने वाले सभी व्हील का भार एक बराबर होता है लेकिन व्हील के कुछ हिस्से पर अक्सर वजन कहीं कुछ कम और कहीं ज्यादा होता है। फैक्ट्री ऐसे व्हील के हिस्से पर वजन के कम-अधिक होने का अंकन कर देती है। ऐसे में जब बोगियां वर्कशॉप में आती हैं तो यह देखना सबसे महत्वपूर्ण होता है कि एक्सेल पर लगे पहिया दूसरे पहिए के संरचना के हिसाब से फिट हों। मैनुअली हर व्हील और एक्सेल पर ऐसा कर पाना संभव नहीं होता है। ऐसे में वर्कशॉप व्हील बैलेंसिंग मशीन लगाने जा रहा है।

सीमित वर्कशॉप में है यह मशीन

यह मशीन सीमित वर्कशॉप में ही हैं। साउथ, सेंट्रल और कोंकण रेलवे को छोड़ दे तो व्हील बैलेंसिंग मशीन कुछ एक ही वर्कशॉप में है। ऐसे में एनईआर के लिए यह मशीन काफी महत्वपूर्ण होगी। ट्रेनो के पहियों के डब्ल्यूबीएम के अलावा ट्रकों-बसों के पहियों की भी बैलेंसिंग मशीन आती है। बड़े-बड़े ट्रांसपोटर्स भी बैलेंसिंग मशीन मंगाते हैं।

बोले जिम्मेदार

एलएचबी कोच के पहियों की बैलेंसिंग के लिए व्हील बैलेंसिंग मशीन मंगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे संचलन और सुरक्षित होगा।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ

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