शादियां लॉक, अब एडवांस को लेकर शुरू होगी किचकिच
कोरोना पर पूरी तरह से लगाम के लिए सरकार ने 30 जून तक सभी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रमों को रोक दिया है। इसके लपेटे में शादी-विवाह भी आ गए हैं। जिन लोगों ने तीन मई के बाद शादी की तैयारियां शुरू की थीं...
कोरोना पर पूरी तरह से लगाम के लिए सरकार ने 30 जून तक सभी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रमों को रोक दिया है। इसके लपेटे में शादी-विवाह भी आ गए हैं। जिन लोगों ने तीन मई के बाद शादी की तैयारियां शुरू की थीं उन्हें भी अब निराशा ही हाथ लगी। 30 जून तक की सभी बुकिंग को रद्द करते हुए ज्यादातर शादियां अब नवम्बर-दिसम्बर व जनवरी-फरवरी तक टाली जा रही हैं।
इन तारीखों पर पहले से बुक मैरेज हाउस या फिर बैंडबाजा वालों से एडवांस को लेकर किचकिच भी शुरू हो गई। नए झगड़े की पंचायत को लेकर पुलिस भी सख्त है। पुलिस अफसरों ने साफ कहा है कि यह वैश्विक महामारी है। मानवता और आपसी समझ का परिचय देते हुए इसे हल करें। यदि कोई कानून को अपने हाथ में लेगा तो सख्त कार्रवाई होगी।
लॉकडाउन के चलते लोगों ने मार्च तथा अप्रैल महीने की शादियां को पहले ही निरस्त करा दिया था। इस बीच 30 जून तक सभी आयोजनों पर रोक लगने से लोगों ने बुकिंग की तारीख स्थगित करते हुए नवम्बर, दिसम्बर या फिर उससे आगे की तारीखों को देखना शुरू कर दिया। जिन्होंने जल्दबाजी दिखाई उन्होंने तो बाजी मार ली। लेकिन जिन्होंने देर की उनके लिए नई परेशानी खड़ी हो गई हे। नवम्बर दिसम्बर में कम ही मैरेज हाउस खाली बचे हैं।
उधर, तीन मई के बाद लॉकडाउन में छूट तथा कुछ हिदायतों के साथ शादी-ब्याह की अनुमति मिलने की उम्मीद में बैठ मैरेज हाउस संचालकों ने मई-जून की तारीखों में किसी तरह की बदलाव की कोशिश नहीं की थी वजह यह थी कि अगर ग्राहक उन तारीखों पर अपना आयोजन नहीं करेगा तो उनके अनुबंध के हिसाब से वे एडवांस देने के लिए बाध्य नहीं होंगे। लेकिन जब सरकार ने ही रोक लगा दी है तो फिर उनका अनुबंध इसमें काम नहीं करेगा और उन्हें नए सिरे से तारीख देने या फिर एडवांस लौटाने पर विचार करना होगा।
उठाना पड़ रहा है नुकसान : बरगदवा स्थित रॉयल आर्किड के संचालक विपिन अग्रवाल का कहना है कि उन्हें करीब 30 बुकिंग का नुकसान उठाना पड़ रहा है। नवम्बर-दिसम्बर या फिर जनवरी फरवरी में जिस तारीख पर इन शादियों को टाला जा रहा है, उन तारीखों पर पहले से बुकिंग है। ऐसे में अब एडवांस लौटाना पड़ रहा है। वहीं जिन लोगों ने बैंक खाते में एडवांस दिया है उसमें सबसे बड़ी दिक्कत जीएसटी की आ रही है। हमलोगों ने 18 प्रतिशत जीएसटी सरकार को दे दिया है। बुकिंग कराने वालों को पैसा पूरा चाहिए, घाटा तो मैरेज हाउस वालों का ही हो रहा है। टैक्स, बिजली, कर्मचारियों का वेतन सब इन्हीं पैसों से दिया जाता है।
नए बुकिंग के लिए जारी हो गाइड लाइन
विपिल अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस को देखते हुए नए बुकिंग के लिए भी अब गाइड लाइन जारी होनी चाहिए। मेरा मानना है कि एरिया के हिसाब से भीड़ की अनुमति दी जानी चाहिए। कितने एरिया में कितनी भीड़ जुटाई जा सकती है इसकी गाइड लाइन सरकार को तय करनी चाहिए। जिसके पास जितनी एरिया है उसे उतनी भीड़ वाले आयोजन को करने का परमिशन दिया जाना चाहिए जिससे आगे दिक्कत न आए।
मुहूर्त को लेकर भी है दिक्कत
पंडित कमलेश तिवारी ने बताया कि मई और जून मिलाकर शादियों के लिए 16 मुहूर्त हैं, जबकि नवम्बर दिसम्बर में सिर्फ नौ मुहूर्त मिल रहे हैं। नवम्बर में महज तीन तो दिसम्बर में छह। यहां बता दें कि अभी इसमें अप्रैल और मार्च के मुहूर्त का जिक्र ही नहीं है। जिनकी शादियां टली हैं और वे नवम्बर दिसम्बर में ले गए हैं।
शादियों के ये हैं मुहूर्त
मई
1,4,5,6,7,17,18,19,26
जून
13,14,15,25,27,28, 30
नवम्बर
25, 26, 30
दिसम्बर
1,6, 7,8,9,11
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