मेट्रो रूट पर ‘विकास एक्सप्रेस फर्राटा भरने को तैयार

शहर में मेट्रो के प्रस्तावित रूटों पर ‘विकास एक्सप्रेस भी फर्राटा भरने को तैयार हो रही है। मेट्रो के दो रूटों पर आधा दर्जन से ज्यादा बड़ी परियोजनाएं तैयार हो रही हैं। किसी रूट पर होटल निर्माण तो किसी...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरTue, 3 March 2020 01:57 AM
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शहर में मेट्रो के प्रस्तावित रूटों पर ‘विकास एक्सप्रेस भी फर्राटा भरने को तैयार हो रही है। मेट्रो के दो रूटों पर आधा दर्जन से ज्यादा बड़ी परियोजनाएं तैयार हो रही हैं। किसी रूट पर होटल निर्माण तो किसी पर शापिंग कॉम्पलेक्स बनाने पर जोर है। स्टूडियो अपार्टमेंट और मल्टीप्लेक्स का खाका भी तैयार हो रहा है। कई परियोजनाएं मेट्रो की डीपीआर को कैबिनेट की मंजूरी के इंतजार में हैं।

श्यामनगर से एमएमएमयूटी तक मेट्रो रूट 15.14 किमी तो गुलरिहा से नौसढ़ तक का रूट 12.70 किमी लम्बा होगा। मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर मुहर लगने के बाद लोग भविष्य को लेकर योजनाएं बना रहे हैं। दोनों रूटों में चंद किमी की दूरी का अंतर भी प्रोजेक्ट में दिख रहा है। शहर के प्रमुख आर्किटेक्ट आशीष श्रीवास्तव बताते हैं कि मेट्रो के साथ ही शहर के विस्तार का भी खाका तैयार हो रहा है। अभी से कल्पना की जा सकती है कि 5 साल बाद का गोरखपुर कैसा होगा। मेट्रो रूट के दोनों तरफ विकास योजनाओं को लेकर जीडीए और आर्किटेक्ट की गतिविधियां भी रफ्तार पकड़ रही हैं।

गोरखनाथ से लेकर श्याम नगर तक शापिंग काम्पलेक्स

गोरखनाथ मंदिर ओवरब्रिज से एमपी पॉलीटेक्निक तक तीन शॉपिंग काम्प्लेक्स प्रस्तावित है। गोरखनाथ सब्जी मंडी पर तो गोरखनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से शापिंग कॉम्पलेक्स प्रस्तावित है। मंदिर से एमपी पॉलीटेक्निक के बीच 50 से 70 दुकान वाले दो शॉपिंग कॉम्प्लेक्स प्रस्तावित हैं। वहीं बरगदवा से श्यामनगर के बीच व्यावसायिक कॉम्पलेक्स की योजनाएं पाइपलाइन में है।

असुरन से मेडिकल के बीच बनेंगे तीन मल्टीप्लेक्स

असुरन से मेडिकल कॉलेज के बीच तीन मल्टीप्लेक्स पाइप लाइन में हैं। आरोग्य मंदिर के पास चार स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स का मानचित्र जीडीए में जमा हो चुका है। वहीं पासपोर्ट कार्यालय और मेडिकल कॉलेज के पास भी मल्टीप्लेक्स की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस रूट पर 10 शॉपिंग काम्पलेक्स भी प्रस्तावित हैं। पांच काम्पलेक्स का मानचित्र जीडीए में मंजूरी के लिए जमा है।

मोहद्दीपुर चौराहा से गुरुंग तिराहा बनेगा होटल लेन

मोहद्दीपुर से गुरुंग तिराहे के बीच रेडिशन के साथ ही अवंतिका होटल वजूद में हैं। रेडिशन के बगल में एक होटल प्रस्तावित है। वहीं आवंतिका होटल से लेकर गुरुंग तिराहे के बीच दो और होटल प्रस्तावित है। आर्किटेक्ट का मानना है कि इस सड़क पर मल्टीप्लेक्स के बाद होटल की ही डिमांड है। एम्स, रामगढ़झील से लेकर रेलवे स्टेशन के बीच में होने से यहां होटल की डिमांड अधिक होगी।

गुरुंग तिराहे से एमएमएमयूटी तक स्टूडियो अपार्टमेंट की मांग

गुरुंग तिराहे से लेकर एमएमएमयूटी के बीच एम्स का असर साफ दिख रहा है। एम्स में आने वाले मरीजों और तीमारदारों को ध्यान में रखते हुए दर्जनभर स्टूडियो अपार्टमेंट और गेस्ट हाउस के प्रस्ताव तैयार हैं। सड़क से 100 मीटर अंदर तक लोग अपने मकान की रिमाडलिंग करा रहे हैं। इस सड़क पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स के निर्माण पर भी जोर है।

गोलघर कालीमंदिर से प्रेमचंद पार्क तक मिश्रित विकास

गोलघर कालीमंदिर से कचहरी चौराहे तक विकास को लेकर काम हो रहे हैं। गोलघर में पुराने बाटा शोरूम के पीछे छह मंजिला काम्पलेक्स बनाने की तैयारी चल रही है। इसमें व्यावसायिक प्रतिष्ठान से लेकर कार्पोरेट ऑफिस तक के लिए जगह सुरक्षित रखी जाएगी। जलकल बिल्डिंग के बगल में जीडीए द्वारा मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण तेजी से हो रहा है। यहां करीब 300 चार पहिया वाहन खड़े हो सकेंगे। वहीं यहां 100 से अधिक दुकानें भी बन रही हैं।

रीड साहब का धर्मशाला से नौसढ़ के बीच शापिंग काम्पलेक्स पर जोर

रीड साहेब का धर्मशाला से नौसढ़ के बीच विकास कार्य तेजी से चल रहा है। नौसढ़ से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच आधा दर्जन शापिंग काम्पलेक्स का प्रस्ताव विभिन्न आर्किटेक्ट बना रहे हैं। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर से नौसढ़ के बीच विभिन्न चार पहिया और दो पहिया वाहनों के शोरूम बन रहे हैं।

मेट्रो के 500 मीटर दूरी तक बदला जा सकेगा लैंडयूज

मेट्रो को लेकर शासन की तरफ से नई गाइड लाइन भी बनाई जा रही है। मेट्रो के 500 मीटर दायरे में आवासीय और अन्य भू-प्रयोग को आसानी से बदला जा सकेगा। वहीं मिश्रित लैंडयूज में आवासीय के साथ व्यावसायिक उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।

वर्जन

जिस जमीन का लैंडयूज व्यावसायिक है, वहां अभी से कार्ययोजना बन रही है। आवासीय और अन्य लैंडयूज को लेकर लोग शासन की गाइड लाइन का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे लोग थोड़ी अधिक फीस देकर आवासीय जमीन का व्यावसायिक उपयोग तो करेंगे ही, अधिक एफएआर (फ़्लोर एरिया रेसियो) का लाभ भी ले सकेंगे। जिससे भवनों की ऊंचाई की जा सकेगी।

संजय कुमार सिंह, मुख्य अभियंता, जीडीए

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