लार के चिकित्सा अधीक्षक को मनबढ़ों ने दौड़ाया, इमरजेंसी ठप

सीएचसी में सड़क निर्माण कार्य के विरोध में कुछ लोगों ने शुक्रवार को डाक्टर, कर्मचारियों और ठेकेदार को मारने के लिए दौड़ा लिया। यही नहीं उन्होंने अस्पताल की इमरजेंसी और ओपीडी बंद करा दिया। घटना के विरोध...

हिन्दुस्तान टीम  देवरियाFri, 12 April 2019 08:39 PM
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सीएचसी में सड़क निर्माण कार्य के विरोध में कुछ लोगों ने शुक्रवार को डाक्टर, कर्मचारियों और ठेकेदार को मारने के लिए दौड़ा लिया। यही नहीं उन्होंने अस्पताल की इमरजेंसी और ओपीडी बंद करा दिया। घटना के विरोध में स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान करीब छह घंटे तक अस्पाताल में इलाज ठप रहा और मरीज भटकते रहे। चिकित्साधीक्षक की तहरीर पर लार पुलिस ने दो के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया है। 

रामजानकी मार्ग पर लार के पिपरा वार्ड के समीप समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र  है। अस्पताल में इंटर लाकिंग का कार्य चल रहा था। आरोप है कि पिपरा मोहल्ले के रहने वाले भोला सिंह अस्पताल की भूमि को अपना बताते हुए गुरुवार की शाम को विरोध करने लगे। जिसके बाद कार्य को ठेकेदार ने रुकवा दिया। शुक्रवार की सुबह सीएचसी के प्रभारी बीबी सिंह ने ठेकेदार से कार्य कराने के लिए कहा। ठेकेदार कार्य शुरु कराया तो भोला सिंह अपने बेटे के साथ मौके पर पहुंच कर निर्माण कार्य बंद करा दिया। दी गई तहरीर में कहा गया है कि चिकित्साधीक्षक ने इसका विरोध किया तो दोनों ने डा बीबी सिंह को मारने के लिए दौड़ा दिया। यह देख कर्मचारी आए तो उनको भी मारने के लिए दौड़ाया। इससे अस्पताल में भगदड़ मच गई।

चिकित्साधीक्षक के अनुसार मनबढ़ों ने अस्पताल की इमरजेंसी और ओपीडी बंद करा दिया। अधीक्षक ने इसकी सूचना लार पुलिस को दी। मौके पर पुलिस पहुंची तो हमलावर फरार हो गए। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मचारी हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रदर्शन करने लगे। जिससे ओपीडी और इमरजेंसी का कार्य ठप हो गया। पुलिस के लाख समझाने के बाद भी कर्मचारी मानने को तैयार नहीं थे। करीब 6 घंटे तक मरीजों को दिक्कतों का सामाना करना पड़ा। लोग मरीज को लेकर सलेमपुर या दूसरे अस्पतालों पर जाने को मजबूर रहे। 

अस्पताल के अधीक्षक डा बीबी सिंह की तहरीर पर लार पुलिस ने भोला सिंह और उनके बेटे राकेश सिंह निवासी पिपरा वार्ड थाना लार के विरुद्ध 323, 352,253, 504,506 और 2/4 मेडिकल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मचारी डेढ़ बजे दिन में वापस कार्य पर लौटे अधीक्षक ने कर्मचारियों और अस्पताल की सुरक्षा के लिए विभाग के आलाधिकारी और एसपी को पत्र लिखा है। 

कुछ लोगों ने निर्माण कार्य को रोकने के लिए कर्मचारियों और डाक्टर के साथ अभद्रता किया। वही ओपीडी बंद करा दिया था। पुलिस के मुकदमा दर्ज करने के बाद एक बार फिर इलाज कार्य शुरु हुआ। 
डा.बीबी सिंह, चिकित्साधिकारी सीएचसी लार

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