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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुरTrain Delays Due to Cigarette Smoke Over a Dozen Incidents Reported in Gorakhpur

सिगरेट के छल्लों ने रोकी एक दर्जन ट्रेनों की रफ्तार

-एलएचबी कोच में लगे हैं स्मोक सेंसर, धुआं उठते ही लग जाता है ब्रेक -एक

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरTue, 17 Sep 2024 09:07 PM
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गोरखपुर, आशीष श्रीवास्तव सिगरेट सिर्फ सेहत के लिए ही हानिकारक नहीं है, इसके धुएं से निकलने वाले छल्लों ने बीते एक साल में एक दर्जन से अधिक ट्रेनों की रफ्तार रोक दी। स्मोक सेंसर रेक (एलएचबी) वाली ट्रेनें सिगरेट के छल्लों से बेवजह 15 से 25 मिनट तक खड़ी रहीं। बस्ती से लेकर, पनियहवा और छपरा स्टेशन तक ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

इसका सबसे जीवंत उदाहरण बस्ती स्टेशन का है। गोरखपुर से दिल्ली के रास्ते बठिंडा जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस बस्ती से निकली ही थी कि अचानक ट्रेन रुक गई। थ्री टियर एसी कोच बी-5 में अचानक फायर अलार्म बजने से अफरातफरी मच गई। कोच के अंदर बैठे यात्री बाहर भागने लगे। रेलवे ने बताया कि फायर अलार्म किसी यात्री के सिगरेट पीने के कारण बजा था। यात्री टॉयलेट के पास सिगरेट पी रहा था, जिसके धुएं से सेंसर एक्टिव हो गया और ट्रेन खड़ी हो गई। इस मामले में ट्रेन के गार्ड की तहरीर पर आरपीएफ बस्ती ने धूम्रपान करने के आरोप में यात्री के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज किया था। एक साल में ऐसी एक दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं।

एलएचबी बोगियों में लगाए गए हैं सेंसर

एलएचबी बोगियों में बीड़ी-सिगरेट, लाइटर या माचिस का प्रयोग करने पर अलार्म बज आता है। दरअसल, सेंसर धुएं की पहचान करता है और खुद एक्टिव हो जाता है। अलार्म सक्रिय होता है और फिर वैक्यूम के जरिए ट्रेन खड़ी हो जाती है।

पेंट्रीकार में कार्बन की मात्रा अधिक तो भी बज उठता है अलार्म

पेंट्रीकार में कार्बन की मात्रा सामान्य से अधिक होने पर अलार्म बजने लगता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रथम चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के 297 यात्री बोगियों में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम और 30 पेंट्रीकार और 53 पॉवर कार में फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम लगाए गए हैं। पेंट्रीकार और पावर कार में लगने वाले फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम में दो 80-80 लीटर क्षमता के वाटर टैंक लगाए गए हैं। इसके अलावा 200 लीटर क्षमता का नाइट्रोजन टैंक भी मौजूद है। इस व्यवस्था से रेलकर्मी विषम परिस्थिति में भी रेलकर्मी 200 बार के प्रेशर से आग पर पानी और नाइट्रोजन की बौछार कर आग पर काबू पा लेंगे।

ट्रेन में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलना या धूमपान करना प्रतिबंधित है। धूमपान से फायर अलार्म बजने लगता है। हमारी टीम लगातार यात्रियों को जागरूक कर रही है कि ट्रेन में धूम्रपान न करें।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ

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